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इतिहास रचने वाली 17 नारी शक्ति! NDA से पास आउट हुईं पहली महिला कैडेट्स, पासिंग आउट परेड में की Josh Push Ups... आप भी देखें

30 मई 2025 को पुणे के खेत्रपाल परेड ग्राउंड पर जब 17 महिला कैडेट्स ने परेड में हिस्सा लिया, तो वह पल हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण था. यह NDA की पहली को-एड बैच थी, जिसने 339 कैडेट्स को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से डिग्रियां दिलाईं. इनमें 84 बीएससी, 85 कंप्यूटर साइंस, 59 बीए, और 111 बीटेक डिग्रियां शामिल थीं. लेकिन सारा ध्यान उन 17 बेटियों पर था.

NDA में महिलाओं की Josh Push-ups (Photo/PTI) NDA में महिलाओं की Josh Push-ups (Photo/PTI)

क्या आपने कभी सोचा कि भारत की बेटियां एक दिन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) जैसे पुरुष-प्रधान गढ़ में इतिहास रचेंगी? जी हां, आज वह दिन आ गया! 17 महिला कैडेट्स ने NDA के 148वें कोर्स से स्नातक की उपाधि हासिल कर देश को गर्व से सीना चौड़ा कर दिया. पुणे के खड़कवासला में अंतिम पग पर इन बेटियों ने 300 से ज्यादा पुरुष कैडेट्स के साथ कदमताल किया, और साबित कर दिया कि नारी शक्ति सिर्फ नारा नहीं, बल्कि हकीकत है! श्रीति दक्ष ने आर्ट्स स्ट्रीम में टॉप कर इतिहास में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखवाया, तो उदयवीर सिंह नेगी ने परेड का नेतृत्व कर सबका दिल जीत लिया. 

पहली बार NDA में बेटियों की दहाड़
30 मई 2025 को पुणे के खेत्रपाल परेड ग्राउंड पर जब 17 महिला कैडेट्स ने परेड में हिस्सा लिया, तो वह पल हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण था. यह NDA की पहली को-एड बैच थी, जिसने 339 कैडेट्स को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से डिग्रियां दिलाईं. इनमें 84 बीएससी, 85 कंप्यूटर साइंस, 59 बीए, और 111 बीटेक डिग्रियां शामिल थीं. लेकिन सारा ध्यान उन 17 बेटियों पर था, जिन्होंने 2022 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद NDA के दरवाजे खटखटाए और तीन साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद नारी शक्ति का लोहा मनवाया.

मिजोरम के गवर्नर और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह, जो इस पासिंग आउट परेड के रिव्यूइंग ऑफिसर थे, ने कहा, “यह NDA के इतिहास का अनोखा दिन है. ये युवा महिलाएं नारी शक्ति का प्रतीक हैं, जो न सिर्फ महिला विकास, बल्कि महिला-नेतृत्व वाले विकास को दर्शाती हैं. मुझे यकीन है कि जल्द ही इनमें से कोई बेटी अपनी सेवा में सर्वोच्च पद तक पहुंचेगी!”

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श्रीति दक्ष- आर्ट्स स्ट्रीम की टॉपर, पिता की विरासत
इन 17 बेटियों में डिवीजन कैडेट कैप्टन श्रीति दक्ष ने आर्ट्स स्ट्रीम में पहला स्थान हासिल कर इतिहास रच दिया. श्रीति के पिता, विंग कमांडर (रिटायर्ड) योगेश कुमार दक्ष, जो अब एक प्राइवेट एयरलाइन में हेलिकॉप्टर पायलट हैं, ने गर्व से कहा, “जब श्रीति ने कहा कि वह मेरे हंटर स्क्वाड्रन में जाएगी, मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया. इस स्क्वाड्रन की शारीरिक ट्रेनिंग बहुत कठिन है, लेकिन उसने हर चुनौती को पार किया और मुझसे ज्यादा सम्मान अर्जित किया.”

श्रीति ने TOI को बताया, “मिलिट्री ट्रेनिंग और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाना मुश्किल था, लेकिन मैंने पहले टर्म से आखिरी टर्म तक मेहनत की. मेरे 10वीं में 95% और 12वीं में 98% अंक थे, और NDA में भी मैंने यह सिलसिला जारी रखा.” श्रीति की कहानी हर उस लड़की के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखती है.

NDA का ऐतिहासिक कदम 
NDA में महिलाओं का प्रवेश कोई आसान सफर नहीं था. 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने UPSC को आदेश दिया कि महिलाओं को NDA में आवेदन करने की अनुमति दी जाए. 2022 में पहली बार 19 बेटियों ने 148वें कोर्स में दाखिला लिया, जिनमें से 17 ने तीन साल की कठिन ट्रेनिंग पूरी की. इन बेटियों ने पुरुष कैडेट्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ट्रेनिंग की, जिसमें पुश-अप्स, घुड़सवारी, तैराकी, और रणनीति अभ्यास शामिल थे. X पर एक यूजर ने लिखा, “NDA की इन 17 बेटियों ने साबित कर दिया कि नारी शक्ति की कोई सीमा नहीं.”

Photo/PTI
Photo/PTI

“आप बदलाव की मशाल हैं”
दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन, ने कहा, “पिछले एक दशक में NDA ने 40,000 से ज्यादा अधिकारियों को तैयार किया, जिन्होंने युद्ध और शांति में भारत का नाम रोशन किया. लेकिन आज की 17 बेटियां बदलाव, साहस, और क्षमता की मशाल हैं. आपने साबित किया कि उत्कृष्टता और सेवा में लिंग की कोई बाधा नहीं.”

टंडन ने आगे कहा, “आपकी यह उपलब्धि सिर्फ आपकी नहीं, बल्कि उन हजारों लड़कियों की है, जो आपसे प्रेरणा लेंगी. मैं आपके जज्बे, गरिमा, और दृढ़ता को सलाम करती हूं.”

यह सिर्फ एक परेड या डिग्री समारोह नहीं, बल्कि भारत की बेटियों के लिए एक नई शुरुआत है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में गोवा में कहा, “सियाचिन की ऊंचाइयों से लेकर समुद्र की गहराइयों तक, भारतीय महिलाएं हर जिम्मेदारी निभा रही हैं.” इन 17 बेटियों ने साबित कर दिया कि वे न सिर्फ देश की रक्षा करेंगी, बल्कि भविष्य में नेतृत्व भी करेंगी.