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क्यों देना पड़ता है टोल टैक्स...केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने क्यों कही देश को टोल प्लाजा से मुक्त कराने की बात? जानिए

टोल एक तरीके का शुल्क है जो वाहन चालकों को किन्हीं तय सड़कों, पुलों, सुरंगों से गुजरने पर देना पड़ता है. ऐसी सड़कों को टोल रोड कहा जाता है. सरकार इस टैक्स से प्राप्त पैसे को सड़कों के रख रखाव और अन्य कामों में लगाती है.

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हाइलाइट्स
  • 30 किलोमीटर पर देना होगा आधा पैसा

  • टोल प्लाजा से जल्द मुक्त होगा देश

देश में टोल प्लाजा को खत्म करने की योजना की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सभी पुराने वाहनों में नई नंबर प्लेट भी लगाई जाएंगी ताकि जीपीएस और अत्याधुनिक सिस्टम के जरिए उनको मॉनिटर किया जा सके. बता दें कि यह पहल देश से टोल प्लाजा को खत्म करे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.

30 किलोमीटर पर देना होगा आधा पैसा
गडकरी ने कहा, “नए वाहनों के लिए टैम्पर प्रूफ हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स (HSRPs) का इस्तेमाल 2019 से शुरू किया गया था, जहां सरकारी एजेंसियां ​​​​वाहनों के बारे में सारी जानकारी प्राप्त कर सकती हैं. अब, हमने पुराने वाहनों को भी यही प्लेट उपलब्ध कराने का फैसला किया है.”
उन्होंने आगे कहा,“वर्तमान में आपको एक दूसरे से 60 किमी दूर स्थित टोल प्लाजा पर भी पूरा शुल्क देना पड़ता है. अब अगर आप हाइवे का इस्तेमाल सिर्फ 30 किमी के लिए करते हैं तो नई तकनीक की मदद से आपसे सिर्फ आधी कीमत ली जाएगी.

टोल प्लाजा से जल्द मुक्त होगा देश
परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र देश को जल्द ही टोल प्लाजा से मुक्त कराने के लिए काम कर रहा है. उन्होंने कहा, "वाहनों का कोई ठहराव नहीं होगा और इसलिए प्रदूषण कम होगा. इससे समय की भी बचत होगी. नई तकनीक से वाहन चालकों के बैंक खातों से सीधे पैसे काटे जा सकते हैं. गडकरी ने कहा, "भारत में लगभग 97% वाहन पहले से ही FASTag पर हैं और भारतीय सड़क का बुनियादी ढांचा 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अमेरिका के बराबर होगा."

क्या है टोल?
टोल एक तरीके का शुल्क है जो वाहन चालकों को किन्हीं तय सड़कों, पुलों, सुरंगों से गुजरने पर देना पड़ता है. ऐसी सड़कों को टोल रोड कहा जाता है. सरकार इस टैक्स से प्राप्त पैसे को सड़कों की मेनटेनेंस और अन्य कामों में लगाती है. यह एक तरीके का इनडायरेक्ट टैक्स है जोकि रोड टैक्स से अलग होता है. रोड टैक्स को आरटीओ वाले वाहन मालिकों से वसूल करते हैं.

कैसे होता है टोल कलेक्शन?
अभी तक ज्यादातर टोल कलेक्शन FASTag के जरिए होता है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन के जरिए टोल भुगतान होता है. डिवाइस को गाड़ी की विंडशील्ड पर लगाया जाता है. इसलिए आप टोल प्लाजा पर रुक कर कैश देने के बजाए सीधे जा सकते हैं, टैक्स अपने आप  FASTag से कट जाएगा. बता दें कि  FASTag को रिचार्ज करवाना पड़ता है.  FASTag की वैलिडिटी 5 साल होती है.