
गाड़ियों में सफर करने पर कई बार छोटे मोटे एक्सिडेंट होते रहते हैं. कभी-कभी तो बड़े हादसे भी पेश आ जाते हैं. ऐसे में ये जरूरी है कि इस तरह के हादसे से बचाव के लिए कोई ठोस सामाधान निकाले जाएं. इन चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार ने कई कदम भी उठाए हैं. अब इसी के मद्देनजर सड़क यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी पहल की है.
सरकार ने कहा है कि अब मिड रेंज की कारों में भी 6 एयरबैग जरूरी होगा. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इस बारे में ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. सरकार के इस फैसले से सड़क हादसों की स्थिति में होने वाले नुकसान में कमी आने की उम्मीद है. केंद्र सरकार ने मिड रेंज की कारों में छह एयरबैग को जरूरी किए जाने से जुड़ी एक ड्राफ्ट पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर दिया है.
मिड रेंज की कारों में आमतौर पर आठ लोग बैठ सकते हैं. मिड रेंज कार में यानी 3 लाख से 7-8 लाख तक कीमत वाली कारों में 6 एयरबैग जरूरी होंगे. अभी कारों के लिए 2 एयरबैग्स का नियम अनिवार्य है. लेकिन, सरकार चाहती है कि सिर्फ महंगी नहीं बल्कि मिड रेंज कार में भी एयर बैग्स जैसे सेफ्टी फीचर्स अनिवार्य हों, लिहाजा 6 एयरबैग लगाने का फैसला किया गया है.
सड़क यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए केंद्र की पहल
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को ट्वीट कर सरकार के इस कदम का एलान किया. गडकरी ने कहा, 'आठ लोगों की कैपेसिटी वाले वाहनों में सवारी करने वालों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मैंने अब कम से कम छह एयरबैग जरूरी करने से जुड़ी एक ड्राफ्ट पॉलिसी की अधिसूचना को मंजूरी दे दी है'.
मिड रेंज कारों में एयरबैग कहां लगाए जाएंगे, इसका ब्योरा देते हुए गडकरी ने कहा, "एम1 वाहन श्रेणी में, आगे और पीछे दोनों कंपार्टमेंट में बैठे लोगों के सामने और पीछे से होने वाले टक्करों के असर को कम करने के लिए चार अतिरिक्त एयरबैग अनिवार्य हैं. इसमें दो साइड/साइड टोरसो एयरबैग और दो साइड कर्टेन/ट्यूब एयरबैग शामिल होंगे जो कार के सभी यात्रियों को कवर करेंगे." गडकरी ने कहा कि भारत में मोटर वाहनों को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है.
सरकार ने पॉलिसी को लागू किए जाने से पहले स्टेकहोल्डर्स से ड्राफ्ट नोटिफिकेशन पर सुझाव मांगे हैं. प्रत्येक एयरबैग की कीमत 1,800 रुपये से 2,000 रुपये के बीच होने की उम्मीद की जा रही है. इसके अलावा की लागत खरीदारों को वहन करना होगा. गौरतलब है कि सरकार ने जुलाई 2019 से ड्राइवर एयरबैग और इस महीने की शुरुआत से फ्रंट को-पैसेंजर एयरबैग जरूरी कर दिया है.
In order to enhance the safety of the occupants in motor vehicles carrying upto 8 passengers, I have now approved a Draft GSR Notification to make a minimum of 6 Airbags compulsory. #RoadSafety #SadakSurakshaJeevanRaksha
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 14, 2022
सड़क दुर्घटनाओं में मौत
वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में होने वाले सड़क हादसों के पीड़ितों में करीब 10 फीसदी भारत के होते हैं. अमेरिका की एक एजेंसी, राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात सुरक्षा प्रशासन (एनएचटीएसए) का कहना है कि एयरबैग और सीट बेल्ट होने से सामने से होने वाली टक्कर में मरने का रिस्क 61 फीसदी तक कम हो जाता है. अकेले एयरबैग की वजह से ही मरने का रिस्क 34 फीसदी कम हो जाता है.
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में भारतीय सड़कों पर 13 लाख लोगों की मौत हुई है और इनके अलावा 50 लाख लोग घायल हुए हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं के चलते 5.96 लाख करोड़ रुपये यानी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.14 प्रतिशत के बराबर नुकसान होता है.