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Madhya Pradesh Monsoon Session: मध्य प्रदेश विधानसभा परिसर में अब विधायक नहीं कर सकेंगे नारेबाजी और प्रदर्शन, अध्यक्ष ने जारी किया आदेश, कांग्रेस ने जताया विरोध

मध्य प्रदेश का विधानसभा सत्र 28 जुलाई 2025 से शुरू होने वाला है. उससे पहले एक बड़ा आदेश जारी हुआ है. अब विधायक मध्य प्रदेश विधानसभा परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे.

 Madhya Pradesh Assembly (Photo: Social Media) Madhya Pradesh Assembly (Photo: Social Media)
हाइलाइट्स
  • मध्य प्रदेश विधानसभा में 28 जुलाई से शुरू हो रहा मॉनसून सत्र

  • कांग्रेस का आरोप- सरकार विधायकों की दबाना चाह रही आवाज

मध्य प्रदेश में आगामी 28 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र से पहले विधानसभा अध्यक्ष द्वारा एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है जिसका कांग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया है. इस आदेश के तहत, विधानसभा परिसर में किसी भी प्रकार की नारेबाजी या प्रदर्शन करने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह रोक विधान सभा अध्यक्ष द्वारा संविधान के अनुच्छेद 94(2) के अंतर्गत लगाई गई है.

अनुशासन और शांति बनाए रखने को लिया ऐसा निर्णय
विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि विधायकों द्वारा परिसर में प्रदर्शन, नारेबाजी या किसी प्रकार की भीड़भाड़ वाली गतिविधि पर प्रतिबंध रहेगा. यह निर्णय सत्र के दौरान अनुशासन और शांति बनाए रखने की दृष्टि से लिया गया है. 

कांग्रेस ने जताया कड़ा ऐतराज
कांग्रेस ने इस आदेश का विरोध किया है क्योंकि 28 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मॉनसून सत्र में कांग्रेस ने बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, बदहाल सड़कें, भ्र्ष्टाचार समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए प्रदर्शन की योजना बनाई है लेकिन इस आदेश के बाद कांग्रेस विधायक अब विधानसभा परिसर में नारेबाजी या प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे.

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नेता प्रतिपक्ष ने बताया लोकतंत्र की हत्या 
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस आदेश को सरकार के दबाव में उठाया गया कदम बताते हुए कहा है कि 'आज सरकार के दबाव में विधानसभा अध्यक्ष जी ने परिसर के अंदर प्रदर्शन करने और जनता की आवाज उठाने पर विधायकों को रोक लगाई है. विपक्ष लगातार विधानसभा अध्यक्ष से सदन की कार्यवाही को लाइव करने की मांग कर रहा है. इसके उलट, विधानसभा अध्यक्ष सरकार के दबाव में अब विधायकों को जनता के मुद्दे उठाने से भी रोक रहे हैं. 

यह बात याद दिलाने योग्य है कि संविधान की धारा 194 विधायकों को विशेष शक्तियां देता है, जिसका इस्तेमाल कर वे जनता के हित से जुड़े मुद्दों को सदन में उठाते हैं, अपनी बात रखते हैं और सरकार से जवाब मांगते हैं. विधानसभा में झूठे एवं फर्जी आंकड़े देने वाली सरकार खुद को एक्सपोज होने से बचाने के लिए अध्यक्ष जी पर दबाव बनाकर इस तरह के नियम और फरमान जारी करवा रही है. यह लोकतंत्र की हत्या है. सरकार न विधानसभा की कार्यवाही को लाइव होने दे रही है, न प्रदर्शन करने दे रही है और अब नारे लगाने पर भी रोक लगा रही है. हम इसका खुलकर विरोध करते हैं और पूर्व की तरह आगामी सत्र में हम जोर-शोर से जनता के मुद्दे उठाएंगे.

(रवीश पाल सिंह की रिपोर्ट)