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Bike Taxi Ban: Ola, Uber और Rapido ने पकड़ा माथा, इस राज्य में बाइक टैक्सी हुई बैन... जानें क्या है मामला

कर्नाटक में हाई कोर्ट के फैसले के बाद बाइक टैक्सी के उपर बैन लगा दिया गया है. साथ ही कहा गया है कि बैन हटाने के लिए सरकार फौरन नियम कानून तय करें. लेकिन इस बैन का भी तोड़ निकाल लिया गया है.

हाइलाइट्स
  • कर्नाटक में बाइक टैक्सी पर लगा बैन

  • राज्य सरकार के फैसले से हाई कोर्ट भी मंजूर

  • ट्रांस्पोर्ट एसोसिशन दिखा फैसले से खफा

ओला, उबर और रैपिडो- ये वो तीन टैक्सी एग्रीगेटर के नाम जो इस समय देश में सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं. आमतौर पर एक कार टैक्सी को बुक करना काफी महंगा पड़ जाता है. ऐसे में लोग बाइक टैक्सी का चयन करते थे. बाइक टैक्सी काफी सस्ती भी पड़ जाती थी और सफर भी जल्दी पूरा हो जाता है. लेकिन देश के इस राज्य में बाइक टैक्सी के उपर अब रोक लगा दी गई है. लेकिन आखिर क्यों लगाई गई है रोक. और कब तक रहेगा बैन. चलिए समझते हैं एक-एक पहलू को.

किस राज्य में लगा बैन
दरअसल यह बैन कर्नाटक राज्य में लगा है. साथ ही इस रोक को 16 जून से लागू किया गया है. इसके तहत अब कर्नाटक में बाइक टैक्सी नहीं चलेंगी. बेंगलुरु जैसे आईटी हब वाले राज्य में बाइक टैक्सी की सुविधा लोगों के लिए काफी फायदेमंद थी. लेकिन अब क्योंकि इस पर बैन लग गया है तो काम पर जाने वाले लोगों को थोड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

क्यों लगाया गया बैन
दरअसल इस मामले में राज्य सरकार ने बाइक टैक्सी के लिए नियम कानून ना होने के कारण उन्हें बैन किया. इस फैसले के खिलाफ बाइक टैक्सी कंपनियों ने हाई कोर्ट का रुख किया. लेकिन हाई कोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली. कोर्ट का कहना है कि जब तक सरकार नियम कानून नहीं बनाती है, बाइक टैक्सी पर रोक लगी रहेगी. इस मामले में कोर्ट की अगली सुनवाई 24 जून को होगी.

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पैसेंजर्स को बनाया पार्सल
कई बाइक टैक्सी कंपनी पार्सल की सुविधा की मुहैया करवाती है. अब क्योंकि बाइक टैक्सी पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में बाइक टैक्सी कंपनियां एक जुगाड़ के साथ सामने आई हैं. वह पैसेंजर से पार्सल ऑप्शन को सलेक्ट करने के लिए कह रहे हैं. जिसके बाद वह पैसेंजर को बतौर पार्सल बना कर डेस्टिनेशन तक ले जाएंगे.

बाइक टैक्सी है मेन बिजनस
ट्रांस्पोर्ट एसोसिशन के लोगों का कहना है कि इस तरह का बैन लोगों को काफी हद तक प्रभावित करेगा. बाइक टैक्सी कोई पार्ट टाइम जॉब नहीं है. बल्कि लोग इसके जरिए अपना घर चलाते हैं. बच्चों को पढ़ाते हैं. मां-बाप की दवा की इंतजाम करते हैं. इस काम के उपर लगी रोक को जल्द हटाया जाना चाहिए ताकि लोगों का रोजगार उन्हें वापस मिल सके.