scorecardresearch

Old Pension Scheme: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! मोदी सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम चुनने का दिया मौका, तुरंत इस Date तक ऐसे करें अप्‍लाई 

Old Pension Scheme For Central Govt Employees: 2004 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को खत्म कर दिया था और न्यू पेंशन स्कीम लागू कर दी थी. कर्मचारी संगठन इसका विरोध करते आ रहे थे. अब उन्हें ओल्ड पेंशन स्कीम चुनने का मौके देने से थोड़ी राहत मिलेगी. आइए जानते हैं कैसे?

मोदी सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम चुनने का दिया मौका. मोदी सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम चुनने का दिया मौका.
हाइलाइट्स
  • 22 दिसंबर 2003 के बाद निकली भर्ती पर नौकरी पाने वालों को पुरानी पेंशन स्‍कीम का लाभ नहीं 

  • सांसदों और विधायकों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम का प्रावधान रखा गया है

Old Pension Scheme देने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है. मोदी सरकार ने कर्मचारियों के एक चुनिंदा समूह को पुरानी पेंशन योजना चुनने का एक मौका दिया है. कार्मिक मंत्रालय ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है. आइए जानते हैं इसका किसे मिलेगा लाभ और कब तक कर सकते हैं आवेदन. 

किनको मिलेगा लाभ
केंद्र की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, पुरानी पेंशन योजना का विकल्‍प वही कर्मचारी चुन सकते हैं जिन्‍होंने नेशनल पेंशन सिस्‍टम (NPS) को अधिसूचित किए जाने की तारीख (22 दिसंबर, 2003) से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों पर नौकरी पाई है. ये कर्मचारी कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) OPS में शामिल होने के पात्र हैं. जिन्होंने 22 दिसंबर 2003 के बाद निकली भर्ती पर सरकारी नौकरी पाई है तो उन्हें पुरानी पेंशन स्‍कीम का फायदा नहीं मिलेगा. ऐसे लोग नई पेंशन व्यवस्‍था पर ही रहेंगे. 2003 के पहले केंद्र सरकार के अधिकतर कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ ले रहे थे. नवोदय विद्यालय जैसे कुछ संस्थानों में पुरानी पेंशन स्कीम लागू नहीं थी. ऐसे में इस फैसले का फायदा नवोदय जैसे संस्थानों में 2003 के पहले ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों को होगा, जो पहले से ही नई पेंशन स्कीम के अंतर्गत थे.

31 अगस्‍त तक कर सकते हैं अप्‍लाई 
पुरनी पेंशन स्कीम के विकल्प का लाभ उठाने के पात्र केंद्रीय कर्मचारी 31 अगस्‍त 2023 तक इस ऑप्‍शन का इस्‍तेमाल कर सकते हैं. इस संबंध में विभिन्न अभ्यावेदन/संदर्भों और अदालती फैसलों के बाद यह कदम उठाया गया है. 

एक बार चुना गया विकल्प अंतिम होगा
वे सरकारी कर्मचारी जो इस विकल्प का उपयोग करने के लिए पात्र हैं, लेकिन निर्धारित तिथि तक इस विकल्प का प्रयोग नहीं कर पाते हैं तो उन्हें राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली द्वारा कवर किया जाना जारी रहेगा. आदेश में कहा गया है कि एक बार चुना गया विकल्प अंतिम विकल्प होगा. यदि सरकारी कर्मचारी केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत कवरेज की शर्तों को पूरा करता है, तो इस संबंध में आवश्यक आदेश 31 अक्तूबर, 2023 तक जारी किया जाएगा.

फैसले का किया स्वागत
केंद्रीय एवं राज्य सरकार के कर्मचारियों की संस्था नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है. एनएमओपीएस की दिल्ली इकाई के प्रमुख मंजीत सिंह पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार के पात्र कर्मचारियों के लिए यह एक अच्छी खबर है. हम केंद्र सरकार से एक बार फिर मौजूदा नयी पेंशन योजना में संशोधन करने का अनुरोध करते हैं ताकि केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सके.

पेंशन स्‍कीम विवाद 
नई पेंशन स्कीम का लगातार विरोध होता रहा है. नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) देश भर के लगभग 27 राज्यों में लागू है. वेस्ट बंगाल में पुरानी पेंशन स्कीम चल रही है. इसमें विवाद की शुरुआत तब हुई, जब सांसदों और विधायकों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम का प्रावधान रखा गया, वहीं सरकारी कर्मचारियों को 60 साल सरकारी सेवा में बिताने के बावजूद एनपीएस के अधीन रखा गया.

पहले  रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी सरकार
ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सरकार साल 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी. यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी. इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन दी जाती थी. केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2004 को पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दियाथा. साल 2004 में पुरानी पेशन योजना को खत्म करके उसके बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू की गई थी.