
देश में जहां एक तरफ डिजिटल फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं, वहीं अब भगवान के नाम पर भी ठगी शुरू हो गई है. महाराष्ट्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शनि शिंगणापुर से करोड़ों के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है, जिसमें खुद मंदिर ट्रस्ट के कुछ कर्मचारी शामिल पाए गए हैं.
ऑनलाइन पूजा के नाम पर ठगी, फर्जी ऐप से लूट
शनि मंदिर ट्रस्ट के नाम पर एक फर्जी मोबाइल ऐप और वेबसाइट के ज़रिए भक्तों से ऑनलाइन पूजा, दर्शन और तेल चढ़ाने के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही थी. एक बार पूजा बुक करने के लिए भक्तों से 5000 रुपये तक लिए जाते थे. वहीं, तेल चढ़ाने के लिए भी हजारों रुपये की मांग की जाती थी, लेकिन असल में सिर्फ एक ही तेल का डिब्बा चढ़ाया जाता था. उसी डिब्बे का वीडियो हजारों भक्तों को भेजा जाता था, जिससे उन्हें यकीन हो जाए कि उनकी पूजा सही तरीके से की गई.
कर्मचारी की आलीशान संपत्ति से हुआ फ्राॅड का खुलासा
इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब मंदिर ट्रस्ट के एक कर्मचारी ने एक करोड़ की जमीन खरीद उस पर दो करोड़ रुपये का आलीशान घर बना लिया. स्थानीय लोगों को शक हुआ और जब जांच शुरू हुई तो इस पूरे डिजिटल फ्रॉड का पर्दाफाश हुआ. मामला सामने आने के बाद बीजेपी नेता ऋषिकेश शेटे ने इस फर्जीवाड़े की जानकारी दी और बताया कि कैसे ट्रस्ट के ही कुछ लोग भक्तों की आस्था के साथ खेल रहे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
तृप्ती देसाई ने कहा आंदोलन होगा
इस मुद्दे पर महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ती देसाई भी सक्रिय हो गई हैं. वे शनि शिंगणापुर पहुंची और कहा कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे फिर से आंदोलन करेंगी. उनका कहना है, "भक्तों की आस्था के साथ धोखा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा."
पुलिस की जांच जारी
इस मामले पर अहिल्यानगर के पुलिस अधीक्षक सोमनाथ घार्गे ने जानकारी दी कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और जल्द ही सभी दोषियों को बेनकाब किया जाएगा. उन्होंने बताया कि दो दिन में जांच पूरी कर प्रेस को पूरी जानकारी दी जाएगी.