Kitchen Garden (Representative Image) 
 Kitchen Garden (Representative Image) तेलंगाना के सिद्दीपेट के पास एक सरकारी स्कूल किराने की आवश्यकता को पूरा करने में आत्मनिर्भर हो गया है. इसके साथ ही मिड डे मील कार्यक्रम के हिस्से के रूप में छात्रों को पोषक तत्वों की आपूर्ति करा रहा है.
सिद्दीपेट (शहरी) के नंचरपल्ली गांव में मंडल परिषद उच्च प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को स्कूल परिसर में तीन गुंटा में फैले सब्जी उद्यान में जैविक खाद की मदद से सब्जियां उगाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. यही सब्जियां स्कूल के 166 बच्चों को दोपहर के भोजन के लिए परोसी जाती हैं. COVID-19 महामारी के दौरान जब स्कूल में मिड डे मील प्रभावित हुई थी उस दौरान इन सब्जियों ने छात्रों की मदद की थी.
कैसे आया आइडिया?
जिले के कुछ मिड डे मील आपूर्तिकर्ताओं ने उच्च लागत और अनुपलब्धता सहित विभिन्न कारणों की वजह से सब्जी अनुपात में लगातार कमी शुरू कर दी. इस वजह से संस्था के पांचों शिक्षकों को अन्य विकल्पों की तलाश करने के लिए मजबूर होना पड़ा. इसके बाद उन्होंने स्कूल परिसर में उपलब्ध स्थान का उपयोग करने के बारे में सोचा. उन्होंने पंचायत अधिकारियों की मदद से परिसर की सफाई की और सब्जियां उगाने लगे. इस बीच ग्राम पंचायत विद्यालय के लिए आवश्यक जैविक खाद की आपूर्ति करती रही.
बनाई गई 12 छात्रों की समिति
सब्जियों की खेती की निगरानी के लिए सदस्यों के रूप में 12 छात्रों की एक समिति बनाई गई थी. छात्र स्कूल शुरू होने से एक घंटे पहले सुबह और शाम को स्कूल के घंटों के बाद एक और घंटा इन खेतों में बिताते हैं. इस दौरान वे पौधों को पानी देते हैं, इधर-उधर उगने वाले खरपतवारों और झाड़ियों को हटाते हैं और सब्जियां तोड़ते हैं. अब स्कूल में उगाई जाने वाली सब्जियां स्कूल में मध्याह्न भोजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं. अपने खाली समय में शिक्षक भी किचन गार्डन पर अधिक ध्यान देते हैं. 
बच्चे खुद निकाल रहे हैं समय
स्कूल परिसर में उगाई जा रही सब्जियों में बैगन, करेला, तुरई, कद्दू, चौड़ी फलियां, मेथी, टमाटर और धनिया शामिल हैं. स्कूल की प्रधानाध्यापक बी पद्मावती ने एक न्यूज वेबसाइट को बताया, “हमारे कुछ छात्रों को कुपोषण से संबंधित समस्या हुई और हमने इस मुद्दे को हल करने के बारे में सोचा. शुरुआत में हम इसे विकसित करने में ज्यादा शामिल थे, लेकिन बाद में छात्र खुद सब्जी उगाने में दिलचस्पी दिखाने लगे. अब वो इस काम के लिए सुबह-शाम अपना समय निकाल रहे हैं. हमारी तरफ से उगाई जा रही इन ताजी सब्जियों की वजह से कुछ छात्रों में विकसित हुए कुपोषण के सफेद निशान भी गायब  होने शुरू हो गए.”
कुछ लोग कर रहे थे चोरी
इस दौरान प्रशासन को जानकारी मिली की कुछ ग्रामीणों बगीचे में घुसकर सब्जियां तोड़ रहे हैं और किचन के कुछ हिस्से को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए ग्राम पंचायत ने घोषणा की कि जो लोग किचन गार्डन में प्रवेश करेंगे और सब्जियां तोड़ेंगे उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.