

हिमाचल प्रदेश में आज भी कई इलाके सड़क सुविधा से महरूम हैं. प्रदेश की सरकारें भले ही विकास के लाखों दावे करती हों, लेकिन कुल्लू जिले की ये घटना सरकारों के दावों की पोल खोल कर रख देती हैं. हैरान कर देने वाला नज़ारा कुल्लू जिले के दूरदराज़ इलाके के समालंग में दिखा. जहां सड़क सुविधा ना होने से एक बुज़ुर्ग को इलाज़ के लिए कंधों पर उठा कर कुल्लू अस्पताल लाया गया.
गौरतलब है कि इन दिनों हिमाचल सहित कुल्लू जिला के कई इलाकों में बर्फ़बारी हो रही है. ऐसे में आज समालंग की रहने वाली एक बुज़ुर्ग केतकी देवी को बर्फ़बारी के बीच करीब 2 फीट बर्फ पर पैदल चलकर ग्रामीण अपने कंधों पर बिठाकर इलाज़ के लिए ले गए. जानकारी के अनुसार, आज सुबह समालंग गाँव की केतकी देवी की तबियत बिगड़ी जिसके बाद आधा दर्जन से अधिक स्थानीय लोगों ने बर्फ़बारी के बीच करीब 6 किलोमीटर पैदल चलकर बुज़ुर्ग को कुल्लू क्षेत्रीय अस्पताल लाया, जहां अब उसका उपचार किया जा रहा है.
फिलहाल मरीज़ खतरे से बाहर बताई जा रही है.
गौरतलब है कि यह पहली मर्तबा नहीं है जब मरीज़ को कंधे पर उठा कर इलाज़ के लिए ले जाया जा रहा हो. आजादी के इतने साल बाद भी सैकड़ों गांव ऐसे हैं जहां सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं पहुंच पाई है, जिसके चलते लोगों को खासकर सर्दियों में बर्फ़बारी में बीच बीमारी की हालत में या फिर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए कंधों का सहारा लेना पड़ता है. इसके चलते ऊंची पहाड़ियों के दुर्गम क्षेत्रों में लोगों को मरीज को अस्पताल पहुंचाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. प्रदेश के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क सुविधा न होने से लोगों को 21वीं सदी में भी 18वीं सदी का जीवन यापन करना पड़ रहा है.
सूबे में जारी है बर्फबारी का दौर
प्रदेश के लाहौल-स्पीति, कुल्लू , किन्नौर, शिमला, सोलन, मंडी, सिरमौर, चंबा और कांगड़ा जिले के ऊंचाई वाले भागों में बर्फबारी का दौर जारी है. बारिश और बर्फबारी के चलते यातायात प्रभावित हुआ है. स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मौसम के करवट बदलने से समूचा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है. तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है. कड़ाके की सर्दी के कारण लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं.
मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश में भारी बारिश व बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया है. बर्फबारी और बारिश से किसानों-बागवानों के चेहरे खिल उठे हैं. बागवानी के लिए बर्फबारी संजीवनी मानी जा रही है. इससे सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे होने में मदद मिलेगी.
शिमला और चायल में अब तक 15 सेंटीमीटर, कल्पा में 12 सेंटीमीटर, केलांग में 11 सेंटीमीटर, डलहौजी में 8 सेंटीमीटर, कुफरी में 15 सेंटीमीटर, नारकंडा खड़ापत्थर में 18 सेंटीमीटर ताजा हिमपात हुआ है.कई क्षेत्रों में बीती रात से बारिश हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक, मनाली में सबसे ज्यादा 16 मिलीमीटर, धर्मशाला में 11.3 मिलीमीटर, पालमपुर में 11 मिलीमीटर, बिलासपुर में 3.5 मिलीमीटर, मंडी में 3.5 मिलीमीटर बारिश हुई है.
सरकार ने सैलानियों को अधिक ऊंचे क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी है. स्थानीय लोगों को भी ऊंचे क्षेत्रों की यात्रा टाल देने को कहा गया है. बर्फ के कारण सड़कों पर फिसलन बढ़ जाने से सफर जोखिम भरा हो गया है. अधिक ऊंचे क्षेत्रों में ताजा हिमपात के बाद 70 से अधिक सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गई हैं. 110 सड़कें, 20 विद्युत ट्रांसफार्मर और 35 पेयजल योजनाएं पहले ही 2 सप्ताह से बंद पड़ी हैं.
( कुल्लू से मनमिंदर अरोड़ा और सोलन से राजेश शर्मा की रिपोर्ट )