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मालिक ने निकाली पालतू गाय की शव यात्रा, नम आंखों से दी अंतिम विदाई

पड़ोसियों ने भी नम आंखों से गाय को विदाई दी और अंतिम यात्रा बैंड बाजे के साथ थांदला के प्रमुख मार्गों से होती हुई गुजरी.अंत में एक खुले मैदान में पूरे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रानी का अंतिम संस्कार किया गया. 

गाय की शव यात्रा गाय की शव यात्रा
हाइलाइट्स
  • वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया गाय का अंतिम संस्कार.

  • अंतिम यात्रा बैंड बाजे के साथ थांदला के प्रमुख मार्गों से होती हुई गुजरी.

इंसान और पशुओं के बीच का स्नेह सदियों पुराना है. इस स्नेह में कई बार ऐसी तस्वीरें देखने को मिलती है जिससे इंसान और पशुओं के बीच का यही प्रेम एक मिसाल बन जाता है. कुछ ऐसा ही मध्य प्रदेश के झाबुआ ज़िले में भी देखने को मिला जहां एक गाय के मालिक ने उसकी मौत के बाद उसे परिवार के एक सदस्य की ही तरह अंतिम विदाई दी. 

मामला झाबुआ जिले के थांदला का है जहां आत्मा राम नाम के शख्स की पालतू गाय रानी का रविवार को बीमारी से निधन हो गया. आत्मा राम ने रानी को अपने बच्चों की ही तरह पाल पोस कर बड़ा किया था लिहाज़ा गाय रानी के निधन ने पूरा परिवार बेहद गमगीन हो गया. आमतौर पर गाय के निधन पर निगम के अमले को सूचना दी जाती है लेकिन आत्माराम के परिवार ने तय किया कि वह अपनी गाय को परिवार के सदस्य की ही तरह अंतिम विदाई देंगे. 

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गाय का अंतिम संस्कार किया गया

इसके बाद बकायदा एक ट्रैक्टर ट्रॉली सजाई गई और उसमें रानी के शव को रखा गया जिसके बाद परिवार के सभी सदस्यों और पड़ोसियों ने नम आंखों से गाय को विदाई दी और अंतिम यात्रा बैंड बाजे के साथ थांदला के प्रमुख मार्गों से होती हुई गुजरी.अंत में एक खुले मैदान में पूरे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रानी का अंतिम संस्कार किया गया. 

इस दौरान गाय के मालिक आत्मा राम बेहद भावुक हो गए. उन्होने बताया कि भले ही रानी सिर्फ डेढ़ साल की ही थी लेकिन परिवार के साथ-साथ पड़ोस में रहने वाले लोगों को भी इससे काफी लगाव हो गया था और इसलिए सभी की भावना को ध्यान में रखते हुए रानी को परिवार के सदस्य की ही तरह अंतिम विदाई देने का फैसला किया था. 

(झाबुआ से रवीश पाल सिंह/चंद्रभान की रिपोर्ट)