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पुलिस ही बनी चोर! कानपुर में रिश्वत न मिलने पर पुलिस ने की ट्रक ड्राइवर की पिटाई, 10 हज़ार लूटे... जानिए क्या है पूरा मामला

कानपुर के कई इलाकों में गांव में पशु बाजार लगता है. सरसौल भी उन इलाकों में से एक है. अलीगढ़ के रहने वाले ड्राइवर लक्ष्मण 12 जुलाई को अपनी लोडर में सरसौल से जानवर लोड करके अलीगढ़ जा रहे थे कि तभी यह अनहोनी घटी.

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कानपुर में दिल्ली हावड़ा हाइवे से गुजरने वाली पशुओं के वाहनों से पुलिस किस कदर वसूली करती है, इसका खुलासा खुद पुलिस की जांच में हुआ है. यहां 12 जुलाई को कानपुर के सरसौल से एक पशु बाजार से जानवर खरीद कर अलीगढ़ जा रहे ड्राइवर को हाइवे के पीआरबी जवानों ने जमकर पीटा क्योंकि उसने 500 रुपए की जगह सिर्फ 200 रुपए की घूस दी. सिर्फ इतनी सी बात पर पुलिस ने ड्राइवर की पिटाई की और उसकी आंख फोड़ दी. 

क्या है पूरा मामला? 
कानपुर के कई इलाकों में गांव में पशु बाजार लगता है. सरसौल भी उन इलाकों में से एक है. यहां पर उत्तर प्रदेश के कई जिलों से लोग जानवर खरीदने आते हैं. अलीगढ़ के रहने वाले ड्राइवर लक्ष्मण 12 जुलाई को अपनी लोडर में सरसौल से जानवर लोड करके अलीगढ़ जा रहे थे. उनके पास बाजार से भैंस खरीदने की रसीद भी थी लेकिन हाइवे पर एक पीआरबी की गाड़ी ने उनके ट्रक को रोक लिया. 

लक्ष्मण का आरोप है इस दौरान सिपाहियों ने उनसे 500 रुपए घूस मांगी. सिर्फ यही नहीं, लक्ष्मण ने यह भी दावा किया कि पुलिस हाइवे पर हमेशा 200 रुपए घूस लेती थी. बहरहाल, लक्ष्मण ने हस्ब-ए-मामूल पुलिस को घूस के 200 रुपए थमाए. हालांकि आरोपी पुलिसकर्मियों को यह मंजूर नहीं हुआ. लक्ष्मण का आरोप है कि उन्होंने अपनी गाड़ी पिकअप ट्रक के आगे लगा दी. इसके बाद दो गाड़ियां और भी आ गईं. 

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पिटाई की, आंख फोड़ी
लक्ष्मण कहते हैं कि सभी ने मिलकर उनके साथ मारपीट की. एक सिपाही ने मुझे डंडा मारा जिससे उसकी आंख भी फूट गई. ड्राइवर लक्ष्मण की आंख से खून निकल रहा था. लक्ष्मण का आरोप है कि कानपुर पुलिस के एक सिपाही ने इसके बाद उसकी गाड़ी की चाबी निकाल ली. अपने साथी को पिटता देखकर कई अन्य ड्राइवर मौके पर इकट्ठा हो गए. उन्होंने अपनी गाड़ियां हाईवे पर लगाकर जाम लगा दिया. 

पीड़ित को ही भेजा जेल
लक्ष्मण की गाड़ी में लदे ये जानवर अलीगढ़ के रहने वाले मोहम्मद उजैर के थे. ड्राइवर और व्यापारी ने जब पुलिस की वसूली की शिकायत की तो नौबस्ता पुलिस ने ड्राइवर और व्यापारी को ही पशु क्रूरता अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. व्यापारी का कहना था उसके पास पशु व्यापार करने का परमिट भी है. बाद में इस मामले में पुलिस कमिश्नर ने एडीसीपी साउथ को जांच सौपी. दो दिन की जांच के बाद पीआरबी के जवान दोषी पाए गए. नतीजतन, दो महिला पुलिसकर्मियों समेत टोटल 11 पुलिसकर्मियों को पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर सस्पेंड कर दिया गया. 

उनके विभाग की जांच भी शुरू कर दी गई है. इस मामले में डीसीपी क्राइम कासिम आबिदी ने पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी की पुष्टि तो कर दी है, लेकिन इस घटना से कानपुर हाइवे पर गुजरने वाले जानवरों के वाहनों से पुलिसकर्मियों की वसूली का खेल भी उजागर कर दिया है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में कुछ और लोग भी शामिल हैं जिनकी जांच की जा रही है. पुलिस की वसूली के आरोप खुद ड्राइवर ने हमारी टीम से लगाए थे.

(कानपुर से रंजय सिंह की रिपोर्ट)