देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा. इसका जवाब आज मिल जाएगा. संसद भवन में वोटों की गिनती शुरू हो गई है. एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच मुकाबला है. हालांकि सियासी समीकरणों के नजरिए से द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना तय माना जा रहा है. अब देखना है कि जीत का अंतर कितना बड़ा होता है.
कैसे होगी काउंटिंग-
राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटों की गिनती में सबसे पहले मतपत्रों को राज्य के हिसाब से बांटा जाता है. गिनती के दौरान सभी राज्यों की मतपेटी अलग-अलग खोली जाती है. सबसे पहले विधायकों के मतपत्रों की छंटनी होती है. उसके बाद सांसदों के मतपत्रों की छंटनी होगी. इसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर मतों की जांच करते हैं. नियम के मुताबिक सांसदों के मत पत्र में प्राथमिकता हरे रंग से और विधायकों के मत पत्र में प्राथमिकता गुलाबी रंग की होती है.
पहले छंटनी, फिर काउंटिंग-
इसके बाद मत पत्रों को प्राथमिकता के हिसाब अलग-अलग ट्रे में रखा जाता है. दरअसल राष्ट्रपति पद के लिए जितने भी उम्मीदवार होते हैं, उतने ट्रे रखे जाते हैं, ताकि उनके मतों को उसमें रखा जा सके. इस बार सिर्फ दो उम्मीदवार मैदान में हैं. इसलिए इसबार एक ट्रेन द्रौपदी मुर्मू और दूसरा ट्रे यशवंत सिन्हा के लिए होगा. जिस मत पत्र में प्रथम वरीयता के तौर पर एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का नाम होगा. उसे उनके नाम के ट्रे में रखा जाएगा. जबकि जिसमें यशवंत सिन्हा के लिए प्रथम वरीयता का जिक्र होगा. उसको यशवंत सिन्हा के ट्रे में रखा जाएगा. जब छंटनी हो जाएगी. उसके बाद वोटों की गिनती शुरू होगी. अल्फाबेटिकल ऑर्डर में राज्यों के वोटों की गिनती होती है.
4 बार रुझानों की दी जाती है जानकारी-
राष्ट्रपति चुनाव के दौरान चार बार वोटों की गिनती के रुझानों की जानकारी दी जाती है. इस बार रिटर्निंग ऑफिसर राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी 4 बार रुझान बताएंगे.
25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ-
राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोट डाले गए थे. 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है.
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