

इंदौर के राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी हनीमून पर घूमने के लिए मेघालय गए थे. मेघालय में कपल लापता हो गया है. कुछ दिनों के बाद पुलिस ने राजा रघुवंशी का शव बरामद किया. पुलिस को पत्नी सोनम रघुवंशी का कोई सुराग नहीं लगा. बीती रोज सोनम रघुवंशी ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पुलिस को सरेंडर किया है.
मेघालय पुलिस ने दावा किया है कि सोनम रघुवंशी ने ही राजा रघुवंशी की हत्या करवाई थी. इस साजिश में सोनम रघुवंशी का बॉयफ्रेंड राज कुशवाहा भी शामिल था. राज ने सोनम के पति की हत्या करवाने के लिए तीन कॉन्ट्रेक्ट किलर को हायर किया. सोनम फोन से अपनी लोकेशन शेयर करती रही.
पुलिस ने तीन शूटरों, आरोपी बॉयफ्रेंड और सोनम रघुवंशी को गिरफ्तार कर लिया है. सोनम ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि मेघालय में आरोपियों ने उसके पति की हत्या कर दी. उसको कमरे में बंद कर दिया. उसके बाद उसे कुछ याद नहीं है. राजा रघुवंशी की हत्या मेघालय में हुई. मेघालय में जिस जगह पर राजा का मर्डर हुआ. आइए उस जगह के बारे में जानते हैं.
कहां हुई राजा की हत्या?
राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी मेघालय हनीमून मनाने गए थे. घूमने के दौरान ही राजा रघुवंशी की हत्या हुई. बताया जा रहा है कि राजा रघुवंशी की हत्या मेघालय के नोंगरियात में डबल डेकर रूट ब्रिज के पास हुई थी. ये जगह मेघालय की सबसे सुंदर जगहों में से एक गिनी जाती है. नोंगरियात मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग से लगभग 30 किमी. दूर है. नोंगरियात में पेड़ों की जड़ों से एक ब्रिज बना हुआ. इस जगह को देखन के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.
क्यों फेमस है नोंगरियात?
मेघालय का नोंगरियात अपने डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज के लिए फेमस है. नदी के ऊपर बना ये पुल देखने में काफी सुंदर है. इसके अलावा पास में कुछ झरने भी हैं जो इस जगह को और भी सुंदर बनाते हैं. नॉन्गरिआत का डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज पूर्वी खासी हिल्स जिले में पड़ता है. डबल डेकर ब्रिज चेंरापूजी के पास में है. ये एक अनोखा डबल डेकर पुल है. यह पुल रबर के पेड़ की जड़ों से बना है. इसे यहां की खासी जनजाति ने कई सालों में तैयार किया है.
डबल डेकर क्यों?
मेघालय में कई सारी जगहों पर लिविंग रूट ब्रिज बने हुए हैं. लकड़ी के ऐसे पुल स्थानीय लोग नदी को पार करने के लिए नेचुरल तरीके से तैयार करते हैं. पेड़ की जड़ों से बने इस पुल को बनने में सालों लग जाते हैं. मेघालय में अगर डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज देखना है तो नोंगरियात ही आना पड़ेगा. सिर्फ इसी जगह पर डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज है.
नोंगरियात में डबल डेकर ब्रिज होने की पीछे एक वजह है. पहले इस ब्रिज में दो लेवल नहीं थे. सिर्फ एक ही पुल था. मानसून के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ जाता है. इस वजह से नीचे वाला पुल डूब जाता था. तब लोगों को इस जगह पर दूसरा लेवल बनाने की जरूरत महसूस हुई. इस तरह से नोंगरियात में लिविंग रूट ब्रिज को डबल डेकर बनाया गया. आज ये जगह मेघालय की सबसे फेमस जगहों में से एक है.
कैसे पहुंचें?
नोंगरियात डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज जाने के लिए 3 हजार सीढ़ियों का फासला तय करना पड़ता है. 3 हजार सीढ़ियां उतरकर आप इस जगह पर पहुंच जाएंगे. 3 हजार सीढ़ियों को उतरने में लगभग 2 घंटे का समय आराम से लग जाएगा. आधी सीढ़ी उतरने के बाद नोंग्थिम्माई गांव मिलेगा. इस गांव में दुनिया का सबसे लंबा सिंगल लिविंग रूट ब्रिज है. इसके बाद रास्ता आसान हो जाता है. रास्ते में आपको एक और सिंगल ब्रिज मिलेगा. इसके बाद आखिरकार आप डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज पहुंच जाएंगे.
इस ब्रिज से आगे रेनबो वाटरफॉल है. ये झरना बेहद खूबसूरत है. इस झरने को देखकर आप दिल खुश हो जाएगा. नोंगरियात तक जाने और वापस आने में लगभग 6 घंटे लग जाते हैं. इस वजह से इस जगह को देखने के लिए सुबह-सुबह जाना चाहिए. इससे आप नोंगरियात को आराम से एक्सप्लोर कर पाएंगे. बड़े संख्या में टूरिस्ट इस जगह पर आते हैं. हर किसी की बकेट लिस्ट में नोंगरियात जरूर होता है.
गाइड लेना कितना जरूरी?
वैसे तो नोंगरियात जाने के लिए किसी गाइड की जरूरत नहीं होती है. पूरे रास्ते में आपको कोई न कोई व्यक्ति मिल जाएगा. रास्ते में कई सारे लोकल लोग भी मिल जाते हैं. उनसे आप रास्ता पूछ सकते हैं. गाइड लेने का एक फायदा ये होता है कि वो आपको इस जगह के बारे में अच्छी-खासी जानकारी दे देते हैं. इस जगह पर गाइड करते हैं तो 700 रुपए देने पड़ेंगे.
नोंगरियात डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज पर जाने का टिकट 20 रुपए है. अगर आप अपने साथ कैमरा ले जाते हैं तो 50 रुपए और देने पड़ेंगे. नोंगरियात में रात में पर्यटक ठहर भी सकते हैं. नोंगरियात में स्टे करने के लिए कई सारे होटल भी हैं. जंगल के बीच बना ये डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज बेहद खूबसूरत है. ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है. ये जगह किसी भी मायने में खतरनाक नहीं है. यहां जाकर आपको इस जगह की सुंदरता का एहसास होगा.