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गाड़ी के नंबर ने पूरे परिवार के लिए खड़ी कर दी मुसीबत, लड़की का स्कूटी लेकर निकलना हुआ मुश्किल

लड़की की स्कूटी को आरटीओ की तरफ से जो नंबर मिला उस पर लिखे अल्फाबेट्स कई लोगों को अश्लील लगने लगे. लोगों के तानों से बचने के लिए लड़की का अब घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है.

गाड़ी का नंबर बना मुसीबत की वजह (प्रतीकात्मक तस्वीर) गाड़ी का नंबर बना मुसीबत की वजह (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • स्कूटी का नंबर देखकर लोग देते हैं ताना.

  • दस हजार गाड़ियों को इस सीरीज के नंबर अलॉट हुए हैं.

जरा सोचिए कि अगर आपकी नई गाड़ी का नंबर ही आपके लिए मुसीबत और शर्मिंदगी की वजह बन जाए तो आप क्या करेंगे. ऐसा ही एक वाक्या दिल्ली की एक कॉलेज स्टूडेंट के साथ हुआ है. इस लड़की की स्कूटी के रजिस्ट्रेशन नंबर ने पूरे परिवार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है. जिसके बाद उसका स्कूटी लेकर घर से निकलना भी दूभर हो गया है.  

दिल्ली के एक मध्यम परिवार की लड़की ने पिछले महीने अपने जन्मदिन पर अपने पिता से बर्थडे गिफ्ट के तौर पर स्कूटी की डिमांड की. लड़की को कॉलेज जाने में कोई परेशानी न हो इसलिए उसके पिता ने अपनी जमापूंजी से उसके लिए दिल्ली के स्टोर से स्कूटी बुक कर दी. यहां तक तो सब कुछ ठीक था. दिक्कत गाड़ी के नंबर से शुरू हुई. दरअसल लड़की की स्कूटी को आरटीओ की तरफ से जो नंबर मिला उसके बीच के अंको में S.E.X अल्फाबेट्स थे. गाड़ी पर नंबर प्लेट लगाने गए प्रीति के भाई को जरा भी अंदाजा नहीं था कि ये तीन शब्द उनके परिवार की दिक्कतें बढ़ाने वाले हैं. स्कूटी की नंबर प्लेट पर लिखे S.E.X. अल्फाबेट्स में कई लोगों को अश्लील लगने लगे. फिर क्या होना था रास्ते में आने-जाने वाले कई लोगों ने उसके भाई पर फब्तियां कसनी शुरू कर दीं.

स्कूटी का नंबर बना मुसीबत का कारण
स्कूटी का नंबर बना मुसीबत का कारण

स्कूटी का नंबर देखकर लोग देते हैं ताना 

लड़की के भाई ने घर लौटकर ये सारी बातें परिवार को बताई जिसे सुनकर वो डर गई. जिसके बाद लड़की ने अपने पिता से गाड़ी का नंबर बदलवाने की बात कही. दिल्ली के आरटीओ के एक अधिकारी से इस मामले पर बात की तो उन्होंने बताया कि करीब दस हजार गाड़ियों को इस सीरीज के नंबर अलॉट हुए हैं. लोगों के तानों से बचने के लिए लड़की का अब घर से निकलना भी मुश्किल हो गया है. वो अब अपनी गाड़ी का नंबर बदलवाना चाहती है लेकिन यहां सवाल ये है कि क्या ऐसा मुमकिन है. 

इस बारे में बात करते हुए कमिश्नर ऑफ दिल्ली ट्रांसपोर्ट के.के दहिया ने बताया कि एक बार गाड़ी का नंबर अलॉट होने के बाद उसे बदलवाने का अब तक कोई प्रावधान नहीं है क्योंकि ये सारी प्रक्रिया एक सेट पैटर्न पर चलती है.  ऐसे में देश के परिवहन विभाग को नंबर अलॉट करने की प्रक्रिया में सुधार करने की जरूरत है खासकर महिलाओं को नंबर अलॉट करने से पहले कम से कम ध्यान देना चाहिए कि जो अल्फाबेट्स उनकी गाड़ियों की नंबर प्लेट पर छपेंगे उनकी वजह से किसी महिला को ऐसी परेशानी ना झेलनी पड़े.