Historian Dr. Vikram Sampath and Historian Hindol Sengupta (Photo Credits: Chandradeep Kumar)
Historian Dr. Vikram Sampath and Historian Hindol Sengupta (Photo Credits: Chandradeep Kumar) दिल्ली में मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में साहित्य आजतक 2025 के दूसरे दिन 'स्टेज 2- दस्तक दरबार' के मंच पर इतिहास डॉ. विक्रम संपत और इतिहास हिंडोल सेनगुप्ता ने शिरकत की. दोनों इतिहाकारों ने 'भारतीयता के नायक-खलनायक' मुद्दे पर अपनी बात रखी. विक्रम संपत ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारतीय इतिहास पर जो मार्क्सवादी-नेहरूवादी विचारधारा का दबदबा हो गया, वो दूसरे विचार को पनपने ही नहीं दिया.
'ज्यादातर इतिहासकार कोलोनियल फ्रेमवर्क का इस्तेमाल करते हैं'
इतिहास हिंडोल सेनगुप्ता ने कहा कि भारतीय इतिहास को भारतीय सोच और दिमाग से देखने वाले लोग अभी भी नहीं आए हैं. अभी भी जो इतिहास पढ़ते हैं और समझते हैं, वो ज्यादातर बाहर के लोगों के हिसाब से देखते हैं. ज्यादातार इतिहाकार कोलोनियल फ्रेमवर्क का इस्तेमाल करते थे. उन्होंने कहा कि हम कभी ये समझा ही नहीं पाए कि भारत को जोड़ता क्या है? हम लोग हमेशा इसपर फोकस किया कि भारत विभिन्न क्यों है?
गंगा-जमुनी तहजीब पर क्या बोले हिंडोल?
उन्होंने कहा कि गंगा-जमुनी तहजीब था तो वो भी 15वीं शताब्दी से पहले कुछ भी नहीं था. अकबर से पहले कुछ भी नहीं था. उसके पहले का जो हमारा इतिहास है, आज भी इंडियन ओशियन में जो भी लड़ाई है, वो इतिहास के ऊपर है, क्योंकि चोला राज्य था, वो 1000 साल का इतिहास है, जबकि चीन कहता है कि ये हमारा है.
इतिहास को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं?
इतिहास विक्रम संपत ने कहा कि काशी विश्वनाथ को 6-7 बार तोड़ा गया और फिर उसे बनाया गया. कुतुबुद्दीन ऐबक ने नष्ट किया था, रजिया बेगम ने उसे नष्ट किया. जब भी उसे नष्ट किया जाता था, उसे फिर से बनाया जाता था. कर्नाटक के राजा तृतीय वीर नरसिम्हा ने काशी जाने वाले श्रद्धालुओं के कर देने के लिए राशि चुकाने के लिए एक गांव दान कर दिया था. आज का काशी विश्वनाथ मंदिर मराठा रानी होल्कर ने बनाया था. जबकि महाराणा रणजीत सिंह ने विश्वनाथ मंदिर के शिखर को बनवाया था. ये जो कॉमन फीचर है, जो हमें एकसूत्र में बांधता है.
उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियां भी थी, जातिप्रथा भी थी, लेकिन इसके साथ-साथ बहुत चीजें थीं, जिसपर हम अपने पूर्वजों पर गर्व कर सकते हैं. नॉलेज सिस्टम, लिटरेचर, मेडिसिन, रसायन शास्त्र, गणित में जो अचीवमेंट जो भारतीयों ने हासिल किया. इन सब चीजों की बात करना हथियार की तरह इस्तेमाल करना नहीं है.
इतिहास के सही पन्नों के फाड़कर फेंक दिया गया?
इतिहासकार हिंडोल सेनगुप्ता ने कहा कि देखिए हम अपने इतिहास के बारे में बहुत कम जानते हैं. एक बार पीएम मोदी ने कहा था कि पहली बार कास्मेटिक सर्जरी भारत में हुआ था. उन्होंने गणेशजी का एक उदाहरण दिया था. जब उन्होंने ये बात कही तो एक तबके के कमेंटेरिएट थे, वो चिल्लाने लगे कि ये क्या बकवास करते हैं? इतिहासकार सेनगुप्ता ने कहा कि उस समय मैं कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा था, वहां लाइब्रेरी में प्लास्टिक सर्जरी पर पूरा एक सेक्शन है. कैसे भारत में शुरू हुआ? सुश्रुत के लेखन में कैसे उसका उदाहरण है? कहां से स्किन लिया गया? कहां पर ग्राफ्टिंग हुआ? लाइब्रेरी में उसको बच्चे पढ़ते हैं, पेपर में उदाहरण देते हैं. लेकिन हमारा नॉलेज इतना खराब है कि हम भारतीय खुद पर हंसते हैं.
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