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National Herald case में Sonia Gandhi से पूछताछ, जानिए Indira Gandhi, Sanjay Gandhi से लेकर Rahul Gandhi तक पर कानूनी शिकंजे की कहानी

नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी से पूछताछ हो रही है. पहले भी गांधी परिवार पर कानूनी डंडा चला है. इंदिरा गांधी और संजय गांधी को जेल भी जाना पड़ा था. जबकि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा भी कानूनी शिकंजे में हैं.

इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राहुल गांधी इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राहुल गांधी
हाइलाइट्स
  • विशेषाधिकार हनन पर इंदिरा गांधी को जेल भेजा गया था

  • 1979 में संजय गांधी को जेल की सजा सुनाई गई थी

नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर में पेश हुईं. ED मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के सेक्शन 50 के तहत सोनिया गांधी का बयान दर्ज करेगी. इस मामले में पहली बार सोनिया गांधी से पूछताछ हो रही है. कांग्रेस सांसदों ने इस मुद्दे पर संसद में हंगामा किया. जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देशभर में प्रदर्शन किया. 
ऐसे पहली बार नहीं है जब गांधी परिवार पर कानूनी शिकंजा कसा है. इससे पहले भी कई बार गांधी परिवार कानून के शिकंजे में आया है. इंदिरा गांधी, संजय गांधी और राहुल गांधी पर भी कानून एक्शन हुआ है. इंदिरा गांधी और संजय गांधी को जेल तक जाना पड़ा था. चलिए आपको गांधी परिवार पर कानूनी शिकंजे की कहानी बताते हैं. 

इंदिरा गांधी को जेल-
मार्च 1971 में आम चुनाव हुए तो कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई. कांग्रेस ने 352 सीटों पर जीत हासिल की. इंदिरा गांधी ने यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट से एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी. लेकिन उनके प्रतिद्वंदी और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार राजनारायण ने इंदिरा की जीत को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी. राजनारायण ने इंदिरा गांधी पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से चुनाव जीतने का आरोप लगाया और चुनाव निरस्त करने की मांग की. इस मामले में 18 मार्च 1975 को इंदिरा गांधी को कोर्ट में पेश होना पड़ा. 12 जून को जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी को 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दिया. इसके साथ ही इंदिरा के निर्वाचन को अवैध करार दिया. इंदिरा गांधी ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाई. लेकिन कोर्ट ने उनको पीएम बने रहने की इजाजत दे दी. हालांकि इंदिरा गांधी के सांसद के तौर पर मतदान नहीं करने का आदेश दिया. वेतन और भत्ते भी रोक दिए गए. कोर्ट के इस फैसले के बाद विपक्ष हमलावर हो गया. जिसके बाद देश में आपातकाल लागू किया गया.
इंदिरा गांधी को 3 अक्टूबर 1977 को जीप खरीद घोटाले में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद उनको बड़कल लेक गेस्ट हाउस में रखा गया. लेकिन रात को किंग्सवे कैंप की पुलिस लाइन में बने गैजेटेड ऑफिसर्स मेस में ले जाया गया. 4 जुलाई को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया. लेकिन उनको तकनीकी आधार पर जमानत मिल गई.

एक बार फिर इंदिरा गांधी के खिलाफ एक्शन हुआ और उनको तिहाड़ जेल जाना पड़ा. 19 दिसंबर 1978 को इंदिरा गांधी को संसद की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया गया. इसके बाद मोरारजी देसाई की सरकार ने संसद सत्र जारी रहने तक इंदिरा को जेल भेज दिया था. इंदिरा गांधी पर विशेषाधिकार हनन का आरोप था. उनको तिहाड़ के वार्ड नंबर 19 में रखा गया था.

संजय गांधी पर कानूनी शिकंजा-
आपातकाल के दौरान विपक्षी नेताओं को मारने की साजिश का आरोप संजय गांधी पर लगा. हालांकि इसको साबित करना मुश्किल था. आपातकाल के दौरान संजय गांधी और वीसी शुक्ला पर फिल्म 'किस्सा कुर्सी का' का प्रिंट जलाने का आरोप लगा था. संजय गांधी पर आरोप लगा कि उन्होंने मुंबई से प्रिंट मंगवाकर गुरुग्राम के मारूति कारखाने में जलवा दिया. दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में मुकदमा चला. 1979 में कोर्ट ने संजय गांधी और वीसी शुक्ला को दो साल एक महीने की सजा सुनाई. हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द करते हुए एक महीने के लिए तिहाड़ जेल भेज दिया था.

सोनिया गांधी-
कांग्रेस नेता और गांधी परिवार की बहू सोनिया गांधी पर भी कानूनी शिकंजा कसा है. नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी को ED के सामने पेश होना पड़ा है. इसके अलावा साल 2013 में अगस्ता हेलिकॉप्टर घोटाले में नाम सामने आया था. इटली की कोर्ट में 15 मार्च 2008 को एक नोट में इशारा किया गया था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस वीआईपी चॉपर खरीद के पीछे अहम भूमिका निभा रही थीं. हालांकि अब तक इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है.

राहुल गांधी-
नेशनल हेराल्ड केस में ED राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है. दरअसल कांग्रेस के पैसे से 1938 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम की कंपनी बनी. इसके तहत तीन अखबार नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज निकलते थे. लेकिन 2008 में ये बंद हो गए. मार्च 2011 में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने यंग इंडिया लिमिटेड नाम की कंपनी खोली. जिसमें दोनों की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी थी. कंपनी बनाने का मकसद एजेएल पर 90.21 करोड़ की देनदारियां उतारना था. पार्टी ने एजेएल के एक करोड़ रुपए हेराल्ड हाउस में लगाए. इस मामले में सुब्रह्मण्यम स्वामी कोर्ट गए संपत्ति के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया. इसी मामले में राहुल गांधी पर कानूनी शिकंजा कसा है.

रॉबर्ट वाड्रा पर शिकंजा-
साल 2012 में सोनिया गांधी दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ से 65 करोड़ का ब्याज मुक्त लोन लेने का आरोप लगा. इसमें ये भी आरोप लगा कि वाड्रा ने देश के कई हिस्सों में कम कीमतों पर जमीनें खरीदी है. गुरुग्राम में जमीन घोटाले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ FIR भी दर्ज है. इसके अलावा वाड्रा से ED मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ कर चुकी है.

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