Indian Railways (Photo: Unsplash)
Indian Railways (Photo: Unsplash) भारतीय रेलवे ने नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया है जिसके तहत रेलवे स्टार्टअप्स को बूस्ट देने वाली है. रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल भवन, नई दिल्ली में रेलवे की इनोवेशन पॉलिसी "StartUps for Railways" का शुभारंभ किया.
नेशनल ट्रांसपोर्टर कही जाने वाली भारतीय रेलवे की कोशिश है कि अब रेलवे इनोवेटिव तकनीक और प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए स्टार्टअप्स को साथ जुड़े. रेलवे की इस नई नीति का उद्देश्य रेलवे में परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार के लिए उद्यमियों और स्टार्टअप की नई नवीन तकनीकों का लाभ उठाना है.
तकनीक से होगा रेलवे की समस्याओं का समाधान
रेल मंत्री ने इस पहल के शुरू होने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस मंच के माध्यम से स्टार्ट-अप्स को रेलवे से जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा. रेलवे के विभिन्न मंडलों, क्षेत्रीय कार्यालयों/जोनों से मिलने वाली 160 से अधिक समस्याओं में से 11 को इस प्रोग्राम के फेज 1 के लिए लिया गया है. जिनमें रेल फ्रैक्चर, हेडवे रिडक्शन आदि शामिल है. स्टार्सअप्स को इन समस्याओं के लिए इनोवेटिव समाधान खोजने के लिए कहा जाएगा.
रेल मंत्री ने स्टार्टअप्स को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया और उन्हें 50% पूंजी अनुदान के साथ-साथ मार्केट, स्केल और इकोसिस्टम के लिए भारतीय रेलवे के सपोर्ट का आश्वासन दिया.
मिलेगी डेढ करोड़ की ग्रांट
रेलवे की इस नीति के अनुसार, एक 'इनोवेटर' को समान शेयरिंग के आधार पर 1.5 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा. स्टार्टअप्स को हर एक स्टेप पार सकरने पर फंडिंग मिलेगी और प्रोटोटाइप के सफल प्रदर्शन पर बढ़ी हुई धनराशि दी जाएगी. मई 2022 में, मंत्रालय ने फील्ड यूनिट्स को अपनी समस्याओं की पहचान करने के लिए कहा था जहां स्टार्टअप इनोवेशन कर सकते हैं. इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप www.innovation.indianrailways.gov.in पर जा सकते हैं.