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126 साल की उम्र में पूरी तरह हैं स्वस्थ, पढ़िये पद्मश्री योग गुरुशिवानंद बाबा की पूरी कहानी

शिवानंद बाबा सिर्फ उबला भोजन करते हैं. सेवन बाबा शिवानंद की दिनचर्या बेहद सहज है. बाबा हर दिन सुबह 3 बजे उठते हैं. हर दिन करीब एक घंटे योग करते हैं. उसके बाद पूजा पाठ से दिन की शुरुआत करते हैं. शिवानंद बाबा ने बताया कि वो फल और दूध का सेवन नहीं बल्कि सिर्फ उबला हुआ भोजन करते हैं और वो भी कम नमक वाला.

शिवानंद बाबा हर दिन एक घंटे योग करते हैं शिवानंद बाबा हर दिन एक घंटे योग करते हैं
हाइलाइट्स
  • शिवानंद बाबा हर दिन एक घंटे योग करते हैं

  • फल-दूध नहीं लेते, सिर्फ उबला हुआ भोजन करते हैं

काशी के शिवानंद बाबा जिन्हें भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड देने की घोषणा की है. शिवानंद बाबा की उम्र इतनी है कि अच्छे-अच्छे उनकी उम्र जानकार हैरान हो जाते हैं. दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं. लोग यह सोचने पर मजबूत हो जाते हैं कि क्या इस उम्र में भी कोई इतना फिट रह सकता है. वाराणसी के कबीरनगर इलाके के रहने वाले बाबा शिवानंद की उम्र 80-90 नहीं बल्कि 126 साल है. 126 साल के उम्र में भी बाबा पूरी तरह स्वस्थ्य हैं.

8 अगस्त 1896 है बाबा की जन्मतिथि
बाबा की उम्र का प्रमाण भी उनके पास है. आधार और पासपोर्ट पर उनकी जन्मतिथि 8 अगस्त 1896 दर्ज है. इस हिसाब से ये दावा किया जाता है कि बाबा दुनिया से सबसे बुजुर्ग इंसान हैं क्योंकि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जापान के चित्तेसु वतनबे के नाम अभी ये रिकॉर्ड दर्ज है.

हर दिन योग करते हैं बाबा
शिवानंद बाबा सिर्फ उबला भोजन करते हैं. सेवन बाबा शिवानंद की दिनचर्या बेहद सहज है. बाबा हर दिन सुबह 3 बजे उठते हैं. हर दिन करीब एक घंटे योग करते हैं. उसके बाद पूजा पाठ से दिन की शुरुआत करते हैं. शिवानंद बाबा ने बताया कि वो फल और दूध का सेवन नहीं बल्कि सिर्फ उबला हुआ भोजन करते हैं और वो भी कम नमक वाला जिसके कारण 126 साल की उम्र में भी वो पूरी तरह स्वस्थ्य हैं.

बाबा ने जताया आभार
पद्मश्री अवार्ड मिलने के बाद हमने बाबा से बात की तो उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वह भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हैं. उन्होंने बताया कि जीवन को हमेशा सामान्य तरीके से जीना चाहिए. शुद्ध शाकाहारी भोजन करना चाहिए. इस तरह की क्रिया से वह आज बिल्कुल स्वस्थ और निरोग हैं.

बाबाजी के वैद्य डॉक्टर एसके अग्रवाल से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि बाबा जी बहुत ही सात्विक भोजन करते हैं और बिल्कुल डिसिप्लीन जिंदगी जीते हैं. उनके जीवन में योग बहुत ही महत्वपूर्ण है. सेंधा नमक का प्रयोग करते हैं और मैं भी उनका हमेशा ख्याल रखता हूं. बाबाजी बीमार नहीं पड़ते. सभी बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं क्योंकि बाबाजी को 126 वर्ष की उम्र में पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया है.

गरीबों की सेवा में समझते हैं ईश्वर की भक्ति
बाबा के शिष्य डीके विश्वास ने बताया कि उन्हें बहुत खुशी है क्योंकि काशी में योग बाबा को इतने बड़े अवार्ड से नवाजा गया है. बाबा बहुत ही संयम भरी जिंदगी जीते हैं. वह खाना बहुत ही कम खाते हैं. दूध-फल का सेवन बिल्कुल नहीं करते और सिर्फ उबला हुआ खाना खाते हैं. यह सम्मान काशी की जनता को समर्पित है. सभी को योग करना चाहिए. बाबा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह गरीबों का ख्याल रखते हैं. उसी में प्रभु की भक्ति समझते हैं.


बृजेश कुमार की रिपोर्ट