Supreme Court sets aside Calcutta HC order on Firecrackers
Supreme Court sets aside Calcutta HC order on Firecrackers सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कोरोना महामारी के बीच वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सभी पटाखों की बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया था. हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत की एक विशेष पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि राज्य के प्रवेश बिंदू पर प्रतिबंधित पटाखों और संबंधित वस्तुओं का आयात न किया जाए.
अगर कोई फैसले को चुनौती देगा तो कोर्ट सुनेगी
शीर्ष अदालत की इस विशेष पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और अजय रस्तोगी शामिल थे. सुनवाई के दौरान कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने ऐसा कोई नया मामला नहीं बनाया है. सिर्फ ये कहना कि आदेश को लागू करने में प्रैक्टिकल दिक्कत है, काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर कुछ राज्यों ने इस तरह पटाखों पर बैन लगाया है और अगर कोई इसे चुनौती देता है तो अदालत मामले को सुनेगी. जब सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही इस मामले को तय कर दिया है तो पूरे देश में एक ही नीति होनी चाहिए.
धड़ल्ले से बिक रहे बैन पटाखे
सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि डिब्बे पर ग्रीन पटाखे छाप कर बेरियम वाले पटाखे बेचे जा रहे हैं. उनका क्यूआर कोड भी नकली हैं और पाबंदी वाले पटाखे धड़ल्ले से बिक रहे हैं. कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है. सीबीआई ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में इन सब चीजों का खुलासा हुआ है. गोपाल शंकर नारायण ने दलील ये भी कहा कि लॉ इनफोर्सिंग एजेंसीज आंख मूंदे बैठी हैं. PESO यानी पेट्रोलियम एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन ऑफ़ इंडिया ने तीन सौ किस्म के पटाखों में से सिर्फ चार किस्म के पटाखों को ही मंजूरी दी है. सबसे लोकप्रिय आतिशबाजी रॉकेट को भी PESO ने सेहत के लिए काफी खतरनाक बताते हुए रिजेक्ट कर दिया है.
एप्लीकेशन से की जा सकती है बोरियम वाले पटाखे की पहचान
वरिष्ठ वकील आनंद ग्रोवर ने सुदीप्त भौमिक के मुकदमे में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कहा गया कि पटाखे बनाने वालों और उनके उत्पादों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन रियल टाइम में हो सकता है. कई एप्लीकेशन हैं जिनकी सहायता से पुलिस और अन्य एजेंसियां ग्रीन पटाखों और बेरियम जैसे खतरनाक रसायन वाले पटाखों की पहचान और तस्दीक कर सकती है. अवैध पटाखों की बिक्री और स्टॉक रखने के मामले में पश्चिम बंगाल में 31 अक्तूबर तक 7 FIR दर्ज कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
बंगाल सरकार ने दी थी ग्रीन पटाखे फोड़ने की इजाजत
दरअसल पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा काली पूजा, दिवाली और छठ के दौरान रात 8 से 10 बजे के बीच केवल ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति दी गई थी. इसी के कुछ दिन बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने पिछले शुक्रवार को इस साल 31 दिसंबर तक ग्रीन पटाखे सहित हर तरह के पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश दे दिया. हालांकि उसने कहा कि ये प्रतिबंध मोम और तेल आधारित दीयों पर मान्य नहीं होगा.
आदेश सुनाने से पहले कोर्ट ने कहा कि यह अंतर करना काफी मुश्किल होगा कि ग्रीन पटाखे और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखें कौन-कौन से हैं. हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य प्रशासन ने प्रतिबंध बरकरार रखने का आदेश दिया और अधिकारियों को पटाखों के इस्तेमाल और बिक्री पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं.