scorecardresearch

Gyanvapi Case in Supreme Court: जिला जज को ज्ञानवापी केस ट्रांसफर, SC ने आदेश में 3 बड़ी बातें कहीं

Gyanvapi Masjid Case: ज्ञानवापी मामले की सुनवाई वाराणसी जिला जज करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जज से मामला जिला जज को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. अब इस मामले की सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में होगी.

ज्ञानवापी मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई ज्ञानवापी मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
हाइलाइट्स
  • ज्ञानवापी का मामला जिला जज को ट्रांसफर

  • वजू की व्यवस्था की जाएगी- सुप्रीम कोर्ट

  • शिवलिंग का एरिया सील रहेगा- सुप्रीम कोर्ट

ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान SC ने जिला जज को केस ट्रांसफर कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में होगी. कोर्ट ने इस मामले को संवेदनशील बताया. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि मामले को यूपी न्यायिक सेवा के वरिष्ठ और अनुभवी न्यायिक अधिकारी सुनें. कोर्ट का ये आदेश 8 हफ्ते तक प्रभावी रहेगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में तीन बड़ी बातें कहीं.

  • वाराणसी जिला जज केस की सुनवाई करें
  • वजू की व्यवस्था की जाएगी
  • शिवलिंग का एरिया सील रहेगा

वजू का वैकल्पिक इंतजाम हो- कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने वजू का वैकल्पिक इंतजाम करने का आदेश दिया है. मुस्लिम पक्ष के वकील ने वजू करने का मुद्दा उठाया और कहा कि पूरे इलाके के सील कर दिया गया है. हमे वजू करने की इजाजत नहीं है. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम डीएम को वैकल्पिक इतंजाम करने को कहेंगे. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इसके भी इंतजाम किए गए हैं.

आयोग की रिपोर्ट लीक होने पर जताई नाराजगी-

सुप्रीम कोर्ट ने आयोग की रिपोर्ट लीक होने पर नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिपोर्ट लीक नहीं होनी चाहिए. उसे सिर्फ जज के सामने पेश किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि मीडिया में रिपोर्ट लीक होनी बंद होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हमें जमीन पर संतुलन और शांति की भावना बनाए रखने की जरूरत है. 

यथास्थिति बनाए रखा जाए- अहमदी
मस्जिद कमेटी के वकील हुजेफा अहमदी ने कहा कि हमारी एसएलपी आयोग की नियुक्ति के खिलाफ है. इस तरह की शरारत रोकने के लिए ही 1991 का कानून बनाया गया था. अहमदी ने कहा कि मामले को अगर निचली अदालत को भेजा जाता है तो ज्ञानवापी मस्जिद पर यथास्थिति बनाए रखा जाए. अहमदी ने कहा कि सर्वे के लिए कमीशन बनाया जाना ही असंवैधानिक है.

जज के विवेक पर छोड़ देना चाहिए- हिंदू पक्ष
हिंदू पक्ष की तरफ से सीनियर वकील वैद्यनाथ ने कहा कि हम न्यायाधीश के विवक पर किसी तरह का दबाव या अंकुश नहीं चाहते हैं. सुनवाई के दौरान पहले क्या होना चाहिए, ये जिला जज के विवेक पर छोड़ देना चाहिए. 

हमें संतुलन बनाना चाहिए- कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम ट्रायल कोर्ट को चलने से नहीं रोक सकते हैं. शांति बनाए रखने के लिए संविधान में एक ढांचा बनाया गया है. निचली अदालत को निर्देश देने के बजाय हमें संतुलन बनाना चाहिए.

धार्मिक चरित्र बदलने पर रोक है- अहमदी
मुस्लिम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा कि पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र को बदलने पर स्पष्ट रूप से रोक है. ऐसे में आयोग का गठन क्यों किया गया था. इसपर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि किसी स्थान के धार्मिक चरित्र का पता लगाना वर्जित नहीं है.

ये भी पढ़ें: