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Churchgate Station: जल्द ही बदल सकता है मुंबई के चर्चगेट स्टेशन का नाम, जानिए क्या होगा

महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने चर्चगेट स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव पास किया है. चर्चगेट स्टेशन का नाम बदलकर चिंतामण द्वारकानाथ देशमुख स्टेशन कर दिया जाएगा.

चर्चगेट स्टेशन चर्चगेट स्टेशन
हाइलाइट्स
  • मुंबई में पहले भी बदल चुके हैं स्टेशन के नाम

  • 1870 में पड़ा था नाम

मुंबई की एक मशहूर जगह के नाम बदलने के प्रस्ताव से जुड़ा है. ये मशहूर जगह है मुंबई का चर्चगेट रेलवे स्टेशन. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ऐतिहासिक चर्चगेट स्टेशन का नाम बदलकर चिंतामण द्वारकानाथ देशमुख स्टेशन करने का प्रस्ताव पास किया है. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये चिंतामण द्वारकानाथ देशमुख है कौन?

कौन हैं चिंतामण द्वारकानाथ देशमुख?
दिग्गज अर्थशास्त्री रहे सीडी देशमुख का जन्म 14 जनवरी 1896 को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के एक मराठी परिवार में हुआ था. इंग्लैंड से पढ़ाई कर सिविल सर्विस में आए सीडी देशमुख ब्रिटिश राज में 1943 में आरबीआई के पहले भारतीय गवर्नर बने थे. बाद में 1950 से 1956 तक केंद्रीय वित्त मंत्री रहे सीडी देशमुख ने देश के आर्थिक विकास में अपना योगदान दिया.

क्या है चर्चगेट स्टेशन का इतिहास 
अब आपको बताते हैं कि जिस चर्चगेट का नाम बदलकर सीडी देशमुख किए जाने का प्रस्ताव पास हुआ, उसका क्या इतिहास रहा है. दरअसल, चर्चगेट नाम ब्रिटिश जमाने से ही चला आ रहा है. जानकारी के मुताबिक, 1862 में सर हेनरी बार्टल फ्रेर बॉम्बे के गवर्नर बने थे. उन्होंने बॉम्बे शहर को मिनी लंदन बनाने की पहल करते हुए इलाके में ब्रिटिश थीम पर कई इमारतें और चर्च बनवाए. उस वक्त इस पूरे इलाके को तीन गेट ने घेर रखा था. ये गेट अपोलो गेट, बाजार गेट और चर्च गेट कहलाते थे.

चर्चगेट का रास्ता सीधे सेंट थॉमस कैथेड्रल चर्च की तरफ जाता था, इसीलिए उस गेट का नाम चर्चगेट पड़ा था. साल 1860 में इस गेट को तोड़ दिया गया, लेकिन गेट न होते हुए भी ये इलाका चर्चगेट के नाम से जाना जाने लगा. इसके बाद 1870 में एक नया रेलवे स्टेशन बनाया गया, जिसका नाम चर्चगेट रखा गया, ये स्टेशन आज भी मौजूद है. वैसे तो रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के अधीन आते हैं, लेकिन उसके पास इनके नाम बदलने का अधिकार नहीं होता. किसी रेलवे स्टेशन के नाम बदलने का मामला राज्य सरकार का होता है, इसके लिए राज्य सरकारें केंद्रीय गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजती हैं, जो रेल मंत्रालय से चर्चा कर इस पर फैसला लेता है

मुंबई में पहले भी बदल चुके हैं स्टेशन के नाम
मुंबई में इससे पहले भी रेलवे स्टेशन के नाम बदले जा चुके हैं. ब्रिटिश राज से चले आ रहे विक्टोरिया टर्मिनस का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस किया गया जबकि एलफिंस्टन रोड का नाम बदलकर प्रभादेवी स्टेशन कर दिया गया.