Truck Drivers Protest
Truck Drivers Protest हिट एंड रन कानून को लेकर चल रही ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल खत्म हो गई है. सरकार ने ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस को भरोसा दिलाया है कि वह लागू होने से पहले बीएनएस में नए हिट एंड रन के प्रावधानों पर चर्चा के लिए तैयार है. चलिए आपको बताते हैं कि इस कानून और ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के बारे में सबकुछ बताते हैं.
ट्रक ड्राइवरों का विरोध और असर-
ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टर्स ने कई राज्यों हड़ताल की. उन्होंने नए कानून में हिट एंड रन को लेकर प्रस्तावित कड़ी सजा के खिलाफ प्रदर्शन किया.
ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित होने का खतरा पैदा हो गया. कई जगहों पर लोग घबराकर फ्यूल की खरीदारी करने लगे. करीब 2000 पेट्रोल पंपों पर फ्यूल का स्टॉक खत्म हो गया था. इसमें से ज्यादातर पश्चिम और उत्तर भारत में थे.
क्या है नया कानून-
इंडियन पैनल कोड की जगह लेने के लिए भारतीय न्याय संहिता कानून संसद से पास हो गया है. इस कानून में लापरवाही से गाड़ी चलाने की वजह से गंभीर सड़क हादसों के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है. अगर ड्राइवर बिना अधिकारियों को जानकारी दिए हादसे के बाद फरार हो जाता है तो उसे 10 साल तक की सजा या 7 लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है.
प्रदर्शन को कांग्रेस का समर्थन-
कांग्रेस ने ट्रक ड्राइवरों के प्रदर्शन का समर्थम किया है और कहा कि कानून के दुरुपयोग से जबरन वसूली नेटवर्क और संगठित करप्शन को बढ़ावा मिल सकता है. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश नहीं करने और गरीबों को दंडित करने का आरोप लगाया है.
ट्रक ड्राइवरों से सरकार ने की बात-
दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मंगलवार शाम को प्रदर्शनकारी ट्रक ड्राइवरों से मुलाकात की और समस्या का समाधान निकाला. AIMTC चेयरमैन ने ट्रक ड्राइवरों से काम पर लौटने की अपील की. AIMTC चेयरमैन बल मलकीत सिंह ने कहा कि नए कानून की धारा 106(2) में 10 साल की सजा और जुर्माना है, वो कानून अब तक लागू नहीं हुआ है. हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि ये कानून लागू नहीं होने देंगे.
आंकड़ों में हिट एंड रन केस-
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में भारत में सड़क हादसों में भारी बढ़ोतरी हुई है, जो चिंता का विषय है. साल 2022 में सड़क हादसों में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और हादसों की संख्या 4.6 लाख से अधिक हो गई. जिसके परिणामस्वरूप हर घंटे 53 सड़क हादसों में 19 लोगों की मौत हुई. इसमें से 19.5 फीसदी मौत पीछे से टक्कर मारने की वजह से हुई है. इसके बाद 18.1 फीसदी हिट एंड रन के मामले सामने आए हैं. जबकि हेड ऑन कोलिजन के 15.7 फीसदी मामले सामने आए हैं.
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