
Aravalli Hills Range Forts
Aravalli Hills Range Forts
अरावली की पहाड़ियां राजस्थान समेत हरियाणा, गुजरात और दिल्ली तक फैली हुई है. ये पहाड़ियां राजस्थान के कई महत्वपूर्ण जिलों में फैली हैं. इसमें कुंभलगढ़, अजमेर, उदयपुर और जयपुर शामिल हैं. अरावली की पहाड़ियों में कई ऐसे किले हैं, जो देश की शान है. इन किलों को भारी-भरकम इतिहास रहा है. चलिए आपको अरावली में बने 5 ऐतिहासिक किले की कहानी बताते हैं.
कुंभलगढ़ किला-
कुंभलगढ़ किला वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की लिस्ट में शामिल है. यह किला राजसमंद जिले में है. यह किला अरावली की पहाड़ियों पर 1100 मीटर की ऊंचाई पर बसा है. इस किले की दीवार 36 किलोमीटर तक फैली है. इस दीवार पर 8 घोड़े एक साथ दौड़ सकते हैं. इस किले को 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा ने बनवाया था. इस किले में 360 बेहद प्राचीन हिंदू और जैन मंदिर हैं. महाराणा प्रताप का जन्म भी इस किले में हुआ था.

उदयपुर सिटी पैलेस-
अरावली की पहाड़ियों में बसे उदयपुर के सिटी पैलेस को 400 साल पहले 1559 में राजा उदय सिंह बनवाया था. इसे उदयपुर सिटी पैलेस के नाम से जाना जाता है. इस किले की ऊंची दीवारें, गुंबद और पत्थरों पर उकेरी गई डिजाइनें काफी खूबसूरत हैं. इस पैलेस में 1969 से एक म्यूजियम है, जिसमें मेवाड़ के राजघराने के तमाम हथियार, कीमती चीजें और कवच रखे गए हैं. इस पैलेस में राजस्थान की खासियत दिखती है.

अलवर का बाला किला-
अरावली की पहाड़ियों में अलवर का विशाल और ऐतिहासिक बाला किला है. इसका निर्माण 15वीं सदी में हसन खान मेवाती ने शुरू करवाया था. यह 1000 फीट की ऊंचाई पर है. किले में जाने के लिए घुमावदार और संकरे रास्ते हैं. किले में कई प्राचीन महल और मंदिर हैं. बाला किला को कुंवारा किला भी कहा जाता है. किले में आने जाने के लिए 6 दरवाजे हैं. इसके नाम जय पोल, लक्ष्मण पोल, सूरज पोल, चांद पोल, किशन पोल और अंधेरी पोल हैं. इस किले पर मुगलों, मराठो, जाटों और राजपूतों का शासन रहा.

जयगढ़ किला-
अरावली पर्वतमाला की चील का टीला पर जयगढ़ किला है. इस किले का निर्माण 15वीं और 18वीं सदी के बीच माना जाता है. यह किला जयपुर से 15 किलोमीटर की दूरी पर है. यह किला आमेर किले से 400 मीटर की ऊंचाई पर है. इस किले में 50 टन की वजहकी तोप है. इस तोप का नाम जयवाणा है. इस किले की दीवार बलुआ पत्थरों से बनी हैं और 3 किमी के क्षेत्र को कवर करती है.

आमेर का किला-
आमेर का किला अरावली पहाड़ियों में स्थित है. यह हिंदू और मुगल वास्तुकला का मिश्रण है. इसे लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बनाया गया है. इसकी नींव राजा मानसिंह प्रथम ने 1589 में रखी थी. सवाई जय सिंह द्वितीय और राजा जय सिंह प्रथम ने इसे आगे बढ़ाया. बताया जाता है कि करीब 100 साल में यह भव्य किला पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ था. यह किला 1.5 वर्ग किलोमीटर में फैला है. यह किला जयपुर से 10 किलोमीटर दूर है. इस किले का दीवान-ए-आम 40 खंभों पर टिका है.

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