
अपने तेजतर्रार भाषणों के लिए जानी जाने वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के वकील पिनाकी मिश्रा से शादी कर ली है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ओडिशा से पूर्व बीजू जनता दल (BJD) सांसद रहे मिश्रा के साथ यह शादी 30 मई को जर्मनी में एक सादे समारोह में हुई.
कृष्णानगर से दो बार सांसद रह चुकीं महुआ मोइत्रा, राजनीति में आने से पहले जेपी मॉर्गन के लंदन और न्यूयॉर्क कार्यालयों में एक सफल बैंकिंग करियर छोड़ चुकी हैं. इससे पहले उनकी शादी डेनमार्क के फाइनेंसर लार्स ब्रॉर्सन से हुई थी, लेकिन बाद में दोनों का तलाक हो गया. मोइत्रा (50) का नाम वकील जय अनंत देहाद्रई से भी जुड़ा रहा है, लेकिन उनके बीच रिश्ते का अंत सार्वजनिक रूप से हुआ, जब “कैश फॉर क्वेरी” विवाद सामने आया.
इस विवाद के कारण दिसंबर 2023 में, आम चुनावों से कुछ महीने पहले, उन्हें लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया. उन पर आरोप था कि उन्होंने उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से नकद और उपहार लेकर अपने संसद लॉगिन क्रेडेंशियल्स उन्हें दिए, ताकि वे उनके माध्यम से संसद में सवाल पूछ सकें.
महुआ मोइत्रा का सफर
1974 में असम के कछार ज़िले में जन्मीं मोइत्रा का पालन-पोषण चाय बागान मालिकों के घर में संपन्न वातावरण में हुआ. उन्होंने अमेरिका के Mount Holyoke College से अर्थशास्त्र और गणित में डिग्री ली और फिर कॉर्पोरेट दुनिया से इस्तीफा देकर भारत लौट आईं. उन्होंने 2008 में कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की और राहुल गांधी द्वारा शुरू किए गए “आम आदमी का सिपाही” अभियान को बूथ स्तर पर संभाला. लेकिन जल्द ही जब TMC पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा को चुनौती देने लगी और कांग्रेस कमजोर होती दिखी, तो मोइत्रा ने 2010 में ममता बनर्जी की पार्टी जॉइन कर ली.
कुछ साल जिला राजनीति में मेहनत करने के बाद, उन्हें 2016 में पहली बार विधानसभा चुनाव में करिमपुर से टिकट मिला और उन्होंने जीत हासिल की. 2019 के लोकसभा चुनाव में TMC ने उन्हें राष्ट्रीय मंच पर उतारा. संसद में उनके पहले ही भाषण ने उन्हें सोशल मीडिया पर चर्चित बना दिया. इसके बाद वे कई बार अपने बेबाक भाषणों से सुर्खियों में रहीं, खासकर मोदी सरकार और RSS-भाजपा विचारधारा पर उनकी तीखी टिप्पणियों के कारण.
मोइत्रा पार्टी के भीतर भी कई बार विवादों में रही हैं. लोकसभा चुनाव से पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने नदिया ज़िले की एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक में उन्हें सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई थी, टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में चल रहे मतभेदों के कारण. अप्रैल में भी उनका TMC सांसद कल्याण बनर्जी से खुला विवाद हुआ था.
कौन हैं पिनाकी मिश्रा?
महुआ मोइत्रा के पति पिनाकी मिश्रा ओडिशा के वरिष्ठ नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं. उन्होंने 1996 में कांग्रेस के टिकट पर पुरी से पहली बार लोकसभा चुनाव जीता था. बाद में वे नवीन पटनायक की BJD में शामिल हुए और 2009 व 2014 में पुरी से फिर सांसद बने. दिल्ली में वे BJD के प्रमुख चेहरों में गिने जाते थे.
पिनाकी मिश्रा की पहली शादी से एक बेटा और एक बेटी हैं. कैश फॉर क्वेरी विवाद के दौरान उनका भी नाम सामने आया, जिसके बाद भाजपा ने दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे का हवाला देते हुए उन्हें BJD से निष्कासित करने की मांग की. मिश्रा ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया और भाजपा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी.
उनका राजनीतिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि भी काफी प्रभावशाली है. वे प्रसिद्ध कवि और समाजवादी नेता गोदाबरिश मिश्रा के पोते हैं, जो गांधीवादी विचारधारा के समर्थक थे और जाति व्यवस्था के विरोधी थे. उनके पिता लोकेनाथ मिश्रा दो बार विधायक रहे, जो कांग्रेस और फिर स्वतंत्र पार्टी में रहे और 1991 से 1997 तक असम के राज्यपाल भी रहे. उनके चाचा रंगनाथ मिश्रा भारत के 21वें मुख्य न्यायाधीश थे और उनके चचेरे भाई दीपक मिश्रा 2017 में देश के 45वें CJI बने.