Delhi metro
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केंद्र सरकार ने दिल्ली मेट्रो को लेकर बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज-VA विस्तार को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत 12,015 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इसके बाद दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 400 किलोमीटर से ज्यादा का हो जाएगा. फिलहाल दिल्ली मेट्रो चीन और अमेरिका के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है.
3 साल में पूरा होगा नया फेज
कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली मेट्रो के फेज-VA पर काम शुरू होगा. इस फेज की कुल लंबाई करीब 16 किलोमीटर होगी. इसके तहत 13 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिनमें 10 अंडरग्राउंड और 3 एलिवेटेड स्टेशन शामिल होंगे. दिल्ली मेट्रो का विस्तार तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज, रामकृष्ण आश्रम से इंद्रप्रस्थ और एरोसिटी से टर्मिनल 1 तक होगा. इस पूरे प्रोजेक्ट को तीन साल में पूरा कर लिया जाएगा.
रोजाना 65 लाख यात्रियों को फायदा
फिलहाल दिल्ली मेट्रो से रोजाना करीब 65 लाख लोग सफर कर रहे हैं और इसका नेटवर्क 395 किलोमीटर का है. नए विस्तार के बाद यह आंकड़ा 400 किलोमीटर के पार पहुंच जाएगा.
केंद्रीय कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो के फेज-V(A) को मंज़ूरी दे दी है, जिसमें 13 स्टेशन होंगे (10 अंडरग्राउंड और 3 एलिवेटेड)। इसमें 12,015 करोड़ रुपये की लागत से 16 किलोमीटर लंबी नई लाइन जुड़ेगी। इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो नेटवर्क 400 किलोमीटर से ज़्यादा हो जाएगा।
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) December 24, 2025
-केंद्रीय मंत्री… pic.twitter.com/kHm02j0mmm
खास बात यह है कि यह नया कॉरिडोर कर्तव्य भवन (Kartavya Bhawans) को सीधे मेट्रो नेटवर्क से जोड़ेगा, जिससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों को बड़ा फायदा मिलेगा. इस नए कॉरिडोर से रोजाना करीब 60 हजार सरकारी कर्मचारियों और लगभग 2 लाख ट्रैवलर्स को सीधा लाभ मिलेगा. मेट्रो कनेक्टिविटी मिलने से ट्रैवलिंग आसान होगी और समय की भी बचत होगी.
प्रदूषण में आएगी कमी
सरकार का कहना है कि इस मेट्रो एक्सटेंशन से पर्यावरण को भी बड़ा फायदा होगा. अनुमान है कि इससे हर साल करीब 33 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन में कमी आएगी. सड़क पर वाहनों का दबाव घटेगा, जिससे दिल्ली की हवा को कुछ राहत मिल सकती है.
इनपुट- पीयूष मिश्रा