Yamuna Expressway
Yamuna Expressway यूपी सरकार की योजना चार एक्सप्रेसवे-बुंदेलखंड, पूर्वांचल, आगरा-लखनऊ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर ई-चार्जिंग बुनियादी ढांचा विकसित करने की है. जिसके लिए अदानी-टोटलएनर्जीज, जीएमआर एनर्जी, रिलायंस और सीमेंस सहित शीर्ष नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियां राज्य में हरित गतिशीलता परियोजना के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं. नोडल एजेंसी यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) ने इन परियोजनाओं में 26 ई-चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए निजी कंपनियों से बोलियां आमंत्रित की हैं.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, रिलायंस, जीएमआर एनर्जी, अदानी-टोटलएनर्जीज, बीइलेक्ट्रिक, लाइटजिप टेक्नोलॉजीज, ईवी प्लेक्सस और सीमेंस समेत करीब एक दर्जन कंपनियों ने बोली में हिस्सा लिया. प्रस्तावित ई-चार्जिंग स्टेशनों में सार्वजनिक सुविधाएं और वेंडिंग जोन भी शामिल होंगे, सरकार बोली लगाने वाले को 10 साल की लीज पर जमीन उपलब्ध कराएगी. जमीन आवंटन के बाद कंपनी को छह महीने के अंदर परिचालन शुरू करने की उम्मीद है.
वहीं यूपी में गैर-पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों की ओर बढ़ने की तैयारी है, जिसके लिए जल्द ही ग्रीन हाइड्रोजन नीति जारी होगी. राज्य सरकार की हरित हाइड्रोजन इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियों को स्टांप शुल्क और बिजली शुल्क से छूट मिलेगी, पूंजी और ब्याज सब्सिडी, आकर्षक प्रोत्साहन आदि मिलेंगे. हाल में समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन स्वच्छ ऊर्जा होने के कारण नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करती है, सरकार को प्रोत्साहित किया जाएगा और नई नीति तैयार करने में ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र के हितधारकों से सुझाव लेने के लिए कहा जाएगा.
ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के खतरों को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में स्वच्छ और हरित ऊर्जा उत्पादन स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन नीति लागू करने के निर्देश दिए हैं. एक बैठक में मसौदा नीति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि नीति को अंतिम रूप देने से पहले इस क्षेत्र में काम करने वाले हितधारकों से भी परामर्श किया जाना चाहिए, ताकि निवेशकों और उपयोगकर्ताओं को इसका अधिकतम लाभ मिल सके.
वहीं ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में कार्य करने वाली फर्मों को अधिक से अधिक प्रोत्साहन देकर प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिये गये.इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियों को भूमि की उपलब्धता, स्टांप शुल्क और बिजली शुल्क से छूट, पूंजी और ब्याज सब्सिडी, आकर्षक प्रोत्साहन आदि जैसे लाभ प्रदान किए जाने चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को नीति को अंतिम रूप देने से पहले विभिन्न राज्यों की संबंधित नीतियों का अध्ययन करने का भी निर्देश दिया गया हैं.
देखने वाली ये बात है कि यूपी की सड़कों पर पंजीकृत ईवी की संख्या सबसे अधिक है, जो देश में कुल ईवी का लगभग 25 प्रतिशत है. यूपी ईवी विनिर्माण और गतिशीलता नीति 2022 में निवेश आकर्षित करने, टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देने और ईवी के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की योजना है. वहीं सरकार का लक्ष्य इस नीति के साथ, राज्य की योजना 30,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने की है.
-अभिषेक मिश्रा की रिपोर्ट