
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए राज्य महिला आयोग ने बड़ा कदम उठाया है. महिला आयोग ने सवारी गाड़ियों पर ड्राइवरों का नाम, मोबाइल नंबर और आधार नंबर अनिवार्य रूप से लिखने की मांग की है. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान ने इसको लेकर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को चिट्ठी लिखी है और इसे लागू करने की सिफारिश की है.
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अहम सिफारिश-
अब उत्तर प्रदेश में सवारी ऑटो, टैक्सी और ई-रिक्शा पर ड्राइवर का नाम, मोबाइल नंबर और आधार नंबर साफ तौर पर लिखा होगा. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता चौहान ने परिवहन राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह को इस संबंध में पत्र लिखा है. पत्र में ओला, उबर, ऑटो, ई-रिक्शा और रैपिडो जैसे सेवा प्रदाता वाहनों पर भी यह जानकारी अनिवार्य करने की सिफारिश की गई है.
डॉ. चौहान ने हाल ही में लखनऊ में घटी घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपराधियों को चिन्हित करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है.
महिलाओं के खिलाफ घटनाओं के बाद की गई सिफारिश-
उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों महिलाओं के खिलाफ कई घटनाएं हुई, जिसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हुई थी. पिछले दिनों राजधानी लखनऊ में एक छात्रा के साथ ऑटो में छेड़खानी हुई थी. जिसके बाद वो चलती ऑटो से छलांग लगा दी थी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसी तरह जनवरी में वाराणसी से लौटी एक युवती की हत्या और दुष्कर्म की घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था.
राज्य महिला आयोग ने साफ किया है कि वाहनों पर चालक की जानकारी अंकित होने से न सिर्फ सुरक्षा बेहतर होगी, बल्कि आपात स्थिति में त्वरित न्याय भी मिल सकेगा.
अब देखना होगा कि सरकार इस सिफारिश पर कितनी तेजी से अमल करती है और सड़कों पर महिला सुरक्षा को लेकर यह नई व्यवस्था कब तक लागू होती है.
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