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Walk For Justice: अंकिता को मिले न्याय, पहलगाम हिंसा के दोषियों को मिले सज़ा.. इसके लिए आगाज किया अमरनाथ पदयात्रा का

अंकिता और पहलगाम हिंसा में न्याय के लिए निकले पदयात्रा पर. पौड़ी जिले के सतपुली कस्बे के 26 वर्षीय अमन ने की एक अनोखी पहल. इस मांग के लिए उन्होंने सतपुली से केदारनाथ, बद्रीनाथ होते हुए अमरनाथ तक पैदल यात्रा शुरू कर दी है.

पौड़ी जिले के सतपुली कस्बे के 26 वर्षीय अमन ने एक अनोखी पहल की है. उन्होंने अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग के लिए अनोखा कदम उठाया है. इस मांग के लिए उन्होंने सतपुली से केदारनाथ, बद्रीनाथ होते हुए अमरनाथ तक पैदल यात्रा शुरू कर दी है. 

पहाड़ की बेटियों में असुरक्षा भाव
अमन ने अपनी यात्रा का पहला दिन सतपुली से शुरू किया और लगभग 50 किलोमीटर पैदल चलने के बाद पौड़ी में रात्रि विश्राम किया. अगले दिन सुबह उन्होंने रुद्रप्रयाग के लिए अपनी पदयात्रा जारी रखी. अमन का कहना है कि अंकिता भंडारी को आज तक न्याय नहीं मिल पाया है, जिससे पहाड़ की बेटियों में असुरक्षा का भाव गहरा रहा है.

उत्तराखंड के छोटे से कस्बे सतपुली से निकला 26 वर्षीय अमन आज न्याय की तलाश में एक लंबी और कठिन यात्रा पर निकल पड़ा है. वह पैदल केदारनाथ, बद्रीनाथ और फिर अमरनाथ तक की यात्रा करेगा एक ऐसी यात्रा, जो न केवल किलोमीटरों की दूरी मापेगी, बल्कि पहाड़ की बेटियों के दर्द और उम्मीद को भी पूरे देश तक पहुंचाएगी.

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पहलगाम हिंसा के खिलाफ आवाज
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी उठाई है. अमन ने कहा कि उनकी यह यात्रा न्याय और सुरक्षा के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का एक प्रयास है.

यात्रा का मकसद न्याय की आवाज बनना
अमन ने अपनी यात्रा की शुरुआत सतपुली से की, पहले दिन 50 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई पार कर पौड़ी पहुंचे और अगला लक्ष्य रुद्रप्रयाग तय किया. इस यात्रा का मकसद एक आवाज़ बनना है. उस अंकिता भंडारी के लिए, जिसकी हत्या ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर दिया था. 

सिर्फ अंकिता ही नहीं, अमन ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की मांग उठाई है. वह कहते हैं कि देश के नागरिकों की सुरक्षा कोई समझौता नहीं है.