
पिछले काफी समय से BH नंबर प्लेट चर्चा में है. भारत सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने 28 अगस्त 2021 से बीएच सीरीज की नंबर प्लेट और रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की है. लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह है क्या? और इसका क्या महत्व है?
बताया जा रहा है कि यह सीरीज खासतौर पर डिफेंस और सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी की गई है. इन सरकारी कर्मचारियों का एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर होता रहता है और नई जगह पर उन्हें गाड़ी की नंबर प्लेट और सीरीज में बदलाव करवाना पड़ता है. इसके अलावा जिन निजी कंपनियों के चार या ज्यादा शहरों में ऑफिस हैं, उनके कर्मचारी भी यह नंबर ले सकते हैं.
क्योंकि बहुत से कर्मचारी हर दो या तीन साल में दूसरी जगहों पर ट्रांसफर किए जाते हैं. इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए BH नंबर प्लेट जारी की गई है. कर्मचारियों की गाड़ियों में ऐसी रजिस्ट्रेशन नंबर की प्लेट लगाई जाएगी जिससे उन्हें दूसरी जगह ट्रांसफर होने पर नंबर सीरीज़ में परिवर्तन न करना पड़े.
देश के किसी भी कोने की कर सकते हैं यात्रा:
BH सीरीज़ में 10 लाख से कम कीमत वाले वाहनों पर 8% का भुगतान करके BH सीरीज का नंबर हासिल किया जा सकता है. जबकि 10 से 20 लाख तक की गाड़ियों का टैक्स रेट 10% लिया जाएगा. 20 लाख से ऊपर की गाड़ियों का 12 प्रतिशत टैक्स भुगतान करना होगा.
वाहनों में नंबर प्लेट का रजिस्ट्रेशन राज्यों के कोड के हिसाब से होता है. मान लीजिये दिल्ली के लिए किसी को नंबर प्लेट चाहिए तो उसकी प्लेट पर ‘डीएल’ लिखा होगा, वहीं हरियाणा के लिए ‘एचआर’ लेकिन, बीएच सीरीज कीगाड़ियों के नंबर 'बीएच’ (BH) से शुरू होते हैं क्योंकि इनका किसी राज्य से कोई लेनादेना नहीं होता है. बीएच मतलब भारत, यह रजिस्ट्रेशन पूरे देश के लिए एक ही होता है.
इस सीरीज की गाड़ी को लेकर हिंदुस्तान के किसी भी कोने में सफर किया जा सकता है. नई जगह पर तबादला होने पर या फिर एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर नया रजिस्ट्रेशन या एनओसी नहीं लेनी पड़ेगी. अभी एक सीरीज के नंबर की गाड़ी दूसरे राज्य में चलाने के लिए एनओसी लेकर उसका नया रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है.
बात BH नंबर की सीरीज के फॉर्मेट की करें तो इसमें नंबर प्लेट पर साल पहले लिखा होगा. इसके बाद भारत सीरीज का कोड BH लिखा होगा और फिर वाहन का नंबर रैंडम तरीके से दर्ज होगा.