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क्या है स्पेशल मैरिज एक्ट? जिसके तहत स्वरा भास्कर और फहद अहमद ने रजिस्टर कराई अपनी शादी

स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 देश में रजिस्टर्ड मैरिज के लिए बना कानून है. इसे 1954 में लागू किया गया था. इस एक्ट के तहत किसी भी व्यक्ति को कुछ शर्तों के साथ दूसरे धर्म और जाति में विवाह करने की इजाजत होती है.

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हाइलाइट्स
  • ऑनलाइन शादी भी है वैध

  • स्वरा ने की स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी

बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर और एक्टिविस्ट फहद अहमद ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत 6 जनवरी, 2023 को कोर्ट मैरिज कर ली. स्वरा ने शादी के करीब डेढ़ महीने बाद इसका ऐलान किया. शादी की गुड न्यूज को शेयर करते हुए स्वरा ने एक वीडियो शेयर किया है जो दोनों के प्यार भरे रिश्ते को बयां करता है.

चलिए स्पेशल मैरिज एक्ट को जान लेते हैं…
भारत में शादियां हिंदू मैरिज एक्ट 1955, मुस्लिम मैरिज एक्ट 1954, या स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत रजिस्टर्ड की जाती हैं. इस अधिनियम की शुरुआत 19वीं शताब्दी के अंत में हुई थी. स्पेशल मैरिज एक्ट, 1954 देश में रजिस्टर्ड मैरिज के लिए बना कानून है. इसे 1954 में लागू किया गया था. इस एक्ट के तहत किसी भी व्यक्ति को कुछ शर्तों के साथ दूसरे धर्म और जाति में विवाह करने की इजाजत होती है. इंटरकास्ट और इंटर रिलीजन मैरिज को वैधानिक करार देने के लिए ये एक्ट बनाया गया है. स्पेशल मैरिज एक्ट जम्मू और कश्मीर को छोड़कर पूरे भारत में लागू है. स्पेशल मैरिज एक्ट में वीडियो कॉल या ऑनलाइन शादी भी वैध है.

क्या हैं जरूरी शर्तें
शादी करने वाले कपल की पहले शादी न हुई हो.
लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की 18 साल से ऊपर हो.
दोनों पक्ष शादी का फैसला लेने में सक्षम हों.
दोनों के बीच खून का रिश्ता न हो.

मैरिज रजिस्ट्रार को देना होता है एप्लीकेशन

इस अधिनियम के अनुसार, कपल को शादी की तय डेट से 30 दिन पहले संबंधित दस्तावेजों के साथ मैरिज ऑफिसर को एप्लीकेशन देना होता है. हालांकि, इस प्रक्रिया को https://www.onlinemarriageregistration.com/ पर ऑनलाइन भी किया जा सकता है, लेकिन कपल को शादी के के लिए मैरिज ऑफिसर के पास जाना पड़ता है.

स्पेशल मैरिज एक्ट के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस
डॉक्यूमेंट जमा करने के बाद सार्वजनिक नोटिस जारी करने के लिए दोनों पक्षों को उपस्थित होना जरूरी है. नोटिस की एक कॉपी ऑफिस के नोटिस बोर्ड पर चिपका दी जाती है और नोटिस की दूसरी कॉपी दिए गए पते पर दोनों पक्षों को डाक के द्वारा भेज दी जाती है. नोटिस के 30 दिन बाद रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा किया जाता है. बशर्ते इसे लेकर किसी ने आपत्ति न दर्ज कराई हो. 30 दिन बाद शादी मैरिज रजिस्ट्रार के ऑफिस में मैरिज ऑफिसर और तीन गवाहों की मौजूदगी में हो सकती है.