

जालना जिले में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां के दहिफल शिवार इलाके में एक किसान ने अपने 700 मौसमी के पेड़ों पर जेसीबी चला दी. इसकी वजह केवल इतनी थी कि किसानी की लागत बढ़ रही थी जबकि दाम घट रहे थे. जो कि इस किसान के लिए घाटे का सौदा बन चुका था.
700 पेड़ों पर जेसीबी की गाज
किसान सुरेश चव्हाण ने करीब 6 साल पहले 5 एकड़ जमीन में 700 मौसमी के पेड़ लगाए थे. खेती के शुरुआती सालों में उन्हें अच्छी उम्मीदें थीं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से मौसमी की बाजार में कीमतें लगातार गिरती जा रही थीं.
आर्थिक तनाव के चलते चलाया जेसीबी
किसान का कहना है कि मौसमी की फसल तैयार करने के लिए हर साल लगभग 50 से 60 हजार रुपए का खर्च आता है. जिसमें खत, औषधि, सिंचाई और मजदूरी का समावेश है. लेकिन इन दिनों मौसमी के दाम इतने नीचे चले गए हैं कि उत्पादन खर्च तक निकलना मुश्किल हो गया है. आर्थिक तनाव और लगातार हो रहे नुकसान से परेशान चव्हाण ने आखिरकार जेसीबी बुलवाकर अपनी पूरी 700 मौसमी के पेड़ों की बाग़ को उखाड़ दिया.
एमएसपी की उठ रही मांग
किसान का कहना है कि अगर यही स्थिति रही, तो आने वाले दिनों में कई और बागायती किसान भी ऐसे ही कदम उठाने को मजबूर हो सकते हैं. कृषि विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि मौसमी और अन्य फलों के किसानों को बाजार में उचित भाव नहीं मिल पा रहा. वहीं किसान संगठन सरकार से मांग कर रहे हैं कि फल उत्पादों पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू किया जाए, ताकि किसानों को ऐसे कठोर कदम उठाने की नौबत न आए.
-गौरव विजय सालनी