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IAS Harjot Kaur: कौन हैं आईएएस अधिकारी हरजोत कौर? जिनके निरोध वाले जवाब पर मचा बवाल, स्कूल की बच्चियों को दी पाकिस्तान जाने की सलाह

साल 1992 बैच की आईएएस अधिकारी हरजोत कौर इन दिनों काफी चर्चा में हैं वजह है उनका एक वायरल वीडियो. Harjot Kaur से एक छात्रा ने उनसे सवाल किया "सरकार यूनिफॉर्म दे रही है, छात्रवृत्ति दे रही है तो क्या 20-30 रुपये का सैनिटरी पैड नहीं दे सकती है?"

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हाइलाइट्स
  • कॉलेज के दिनों के साथी हैं IAS पति दीपक

  • हरजोत पर नाव हादसे में गिरी थी गाज

बिहार में एक सीनियर आईएएस अफसर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं. इस महिला अफसर का निरोध को लेकर एक बयान सोशल मीडिया की सुर्खियों में हैं. यह अफसर हैं बिहार सरकार में महिला एवं बाल विकास निगम (डब्ल्यूसीडीसी) की एमडी हरजोत कौर. इनका पूरा नाम है हरजोत कौर बम्हरा. दरअसल हरजोत किसी कार्यक्रम के तहत बिहार के किसी सरकारी स्कूल के दौरे पर थीं जहां अपने एक बेतुके बयान की वजह से वो सुर्खियों में बनी हुई हैं. दरअसल स्कूल में यूनिसेफ ने एक वर्कशॉप आयोजित की थी. इस दौरान स्कूल की एक छात्रा ने सेनेटरी पैड को लेकर उनसे सवाल किया जिसके जवाब में हरजोत कौर ने एक बेतुका बयान दिया.

बिहार की राजधानी पटना में महिला एवं बाल विकास निगम की ओर से यूनिसेफ के सेव द चिल्ड्रन और प्लान इंटरनेशनल कार्यक्रम के तहत सशक्त बेटी समृद्ध कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें विकास नगर निगम की एमडी हरजोत कौर भी आई थीं. इस दौरान एक छात्रा ने उनसे सवाल किया "सरकार यूनिफॉर्म दे रही है, छात्रवृत्ति दे रही है तो क्या 20-30 रुपये का सैनिटरी पैड नहीं दे सकती है?"  

दिया बेतुका जवाब
इस सवाल के जवाब में हरजोत कौर ने कहा, ''इस सवाल पर बहुत तालियां बजाई जा रही हैं. क्या इन मांग का कोई अंत है. 20 और 30 रुपये का सेनेटरी पैड भी दे सकते हैं. कल को जींस-पैंट मांगोगी, परसों को सुंदर जूते और अंत में परिवार नियोजन की बात आएगी तो निरोध भी मुफ्त में ही देना पड़ेगा.''

IAS अधिकारी का ये बड़बोलापन यहीं नहीं रुका. उन्होंने आगे कहा, ''सरकार से लेने की जरूरत क्या है? अपने आप को इतना संपन्न करो कि सरकार से कुछ लेने की जरूरत ही ना पड़े. ये जो सोच है वो गलत है. सरकार बहुत कुछ दे रही है.'' आईएएस अधिकारी के जवाब पर एक छात्रा ने कहा कि लोगों के वोट से सरकार बनती है। इस पर अधिकारी ने कहा कि यह मूर्खता की पराकाष्ठा है. वोट मत करो. पाकिस्तान चले जाओ.

इस मामले पर टीईटी शिक्षक संघ ने भी नराजगी जताई. संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि महिला विकास निगम की एमडी आईएएस हरजोत कौर ने शर्मनाक जवाब दिए. शिक्षक संघ बयानों की कड़ी निंदा करता है. हमने सरकार से कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

कौन हैं हरजोत कौर?
हरजोत कौर 1992 बैच के बिहार कैडर से आईएएस अधिकारी हैं. उनका जन्म 11 मई 1967 को हुआ था. हरजोत कौर महाराष्ट्र की रहने वाली हैं. वर्तमान में वो बिहार सरकार में महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक हैं. वह माइन्स और भूविज्ञान विभाग में प्रमुख सचिव के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं. इससे पहले हरजोत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव के पद पर थीं.

कॉलेज के दिनों के साथ हैं पति दीपक
हरजोत कौर के पति 1992 बैच के आईएएस अफसर दीपक कुमार सिंह भी बिहार कैडर में हैं. दीपक और हरजोत कॉलेज के दिनों के साथी रहे हैं. दोनों की पहली मुलाकात जेएनयू में हुई थी. दोनों ने पढ़ाई पूरी करने के बाद आईएएस की तैयारी साथ शुरू की. आईएएस की परीक्षा में भी उन्हें साथ में कामयाबी हासिल हुई. इस सफलता के बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया. हालांकि पहले इस शादी का विरोध दोनों के घर वालों की तरफ से था, क्योंकि दोनों अलग-लग जाति-धर्म से थे. हालांकि बाद में परिवालों ने शादी की इजाजत दे दी.

दीपक कुमार सिंह बिहार सरकार में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव हैं. वह 1992 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं और उन्होंने राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण विभागों को संभाला है. इससे पहले वे बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव थे. 

छह साल पहले प्रमोशन पाकर चर्चा में आए थे ये आईएएस दंपति
बिहार सरकार ने 1992 बैच के तीन अधिकारी सचिव चंचल कुमार, दीपक कुमार सिंह और हरजोत कौर  को प्रधान सचिव के रूप में प्रमोट किया था. प्रमोशन के बाद चंचल कुमार को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, दीपक कुमार को श्रम संसाधन विभाग में प्रमुख सचिव और हरजोत कौर को पर्यटन विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया. लेकिन केंद्र सरकार इससे सहमत नहीं थी क्योंकि ये आईएएस (कैडर) नियम 1954 और आईएएस (वेतन) नियम का उल्लंघन था. केंद्र ने राज्य सरकार से इन अधिकारियों को सचिव के पद पर वापस करने को कहा.

नाव हादसे में गिरी थी गाज
साल 2017 की बात है जब हरजोत कौर बिहार सरकार में प्रमुख सचिव, पर्यटन के पद पर तैनात थीं. उस साल मकर संक्रांति के मौके पर पटना में एनआईटी घाट पर एक नाव डूब गई थी. इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे की गाज दो सीनियर अफसरों पर गिरी और सीएम नीतीश कुमार ने हरजोत कौर के साथ बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर उमाशंकर प्रसाद के तबादले के आदेश दे दिए थे. उस वक्त हरजोत कौर को पर्यटन विभाग से हटाकर खनन और भूगर्भ विभाग में भेज दिया गया था.