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Indian Navy: पांच का पंच! महिला नौसेनिकों ने अरब सागर में निगरानी मिशन को अंजाम देकर रचा इतिहास, जानिए हर एक मेंबर के बारे में

भारतीय नौसेना के सर्व-महिला विमान चालक दल ने उत्तरी अरब सागर में पहली बार चौकसी और निगरानी कर इतिहास रच दिया है. इस मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम तक देकर महिला जाबांजों ने नौसेना के साथ हिंदुस्तान का परचम लहराया है. बता दें कि इस मिशन में पांच महिला अधिकारी शामिल थीं.

Indian Navy/ Twitter Indian Navy/ Twitter
हाइलाइट्स
  • नेवी की महिला स्कवॉयड ने रचा इतिहास

  • मिशन में किसी भी पुरुष को नहीं रखा गया साथ

भारत की बेटियां अब हर क्षेत्र में इतिहास रच रही हैं. चाहे वो खेल हो, मनोरंजन हो, विज्ञान हो या हो सेना. अब नौसेना की महिला स्कवॉयड ने अरब सागर पर उड़ान भर के नया इतिहास बनाया है. खास बात ये है कि इस मिशन में किसी भी पुरुष को साथ नहीं रखा गया था. ये कारनामा पांच महिलाओं की टीम ने किया है. जिसकी पूरे देश में तारीफ हो रही है. ये खबर देश की बेटियों में नया जोश जगाने वाली है. उनकी हिम्मत बढ़ाने वाली है. उन्हें हौसले की नई डोज देने वाली है. उनकी कल्पनाओं को पंख देकर आसमान तक पहुंचाने वाली है. नौसेना अधिकारी के अनुसार यही वजह है कि अग्निपथ योजना में भी नेवी को लेकर लड़कियों में क्रेज को देखने को मिल रहा है. 3 हजार पदों के लिए आए 9 लाख से ज्यादा आवेदन में 80 हजार महिलाओं ने अप्लाई किया है. आइए जानते हैं उन पांच बेटियों के बारे में जिसने पूरे देश को गर्व करने का मौका दिया है. 

बनाया नया रिकॉर्ड

हिंदुस्तान की नौ सेना की महिला पायलट्स ने नया रिकॉर्ड बनाया है. ये कारनामा अरब सागर में चौकसी और निगरानी का है. जिसे नेवी की दो महिला पायलट समेत 5 महिला ऑफिसर्स ने अंजाम दिया है. ये मिशन गुजरात के पोरबंदर स्थित आईएनएस 314 नेवल स्कावड्रन से पूरा किया गया. जिन पांच महिला अधिकारियों ने उत्तरी अरब सागर में मेरीटाइम रिनोकोसेंस एंड सर्विलांस मिशन पूरा किया उसमें दो पायलट लेफ्टिनेंट शिवांगी और लेफ्टिनेंट अपूर्वा गीते शामिल थीं.

उड़ान के लिए दी गई थी महीनों ट्रेनिंग 

इस ऐतिहासिक उड़ान के लिए महिला अफसरों को महीनों ग्राउंड ट्रेनिंग और ब्रीफिंग दी गई. वैसे आईएएनएस 314 नेवी का फ्रंटलाइन नेवल एयर स्कावड्रन है. यहां से डोरनियर 228 मेरीटाइम रिनोकोसेंस एयरक्राफ्ट ओपरेट किए जाते हैं और अरब सागर की चौकसी करते हैं. इस समय स्कावड्रन की कमान कमांडर एस के गोयल के हाथों में है. इस उड़ान की मिशन कमांडर, लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा थी. टेक्टिकल और सेंसर ऑफिसर लेफ्टिनेंट पूजा पांडा और सब लेफ्टिनेंट पूजा शेखावत भी मिशन में शामिल रहीं. इस मिशन के साथ ही भारतीय नौसेना की इन महिला ऑफिसर्स ने सभी बैरियर्स को तोड़ते हुए इतिहास रच दिया. तो चलिए जानते हैं पुरे देश को गौरवान्वित करने वाली बेटियों के बारे में.

लेफ्टिनेंट शिवांगी- बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली लेफ्टिनेंट शिवांगी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई डीएवी पब्लिक स्कूल से की है. इसके बाद उन्होंने सिक्किम मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक किया. बता दें कि 2019 में शिवांगी भारतीय नौसेना में पहली महिला पायलट बनीं. उन्होंने कोच्चि नवल बेस पर ऑपरेशनल ड्यूटी जॉइन की. 

मिशन कमांडर, लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा- मेरठ, उत्तर प्रदेश की रहने वाली आंचल शर्मा का जून 2016 में भारतीय नौसेना में कमिश्नड हुआ. आंचल के पति भी नौ सेना में लेफ़्टिनेंट कमांडर के पद पर हैं. नौसेना में आने से पहले उन्होंने 2 साल कॉर्पोरेट में काम किया. और जब नौसेना में आईं तो अपने पराक्रम से सबको चकित कर दिया. खबर के अनुसार वे फिलहाल ऑब्ज़रवर ऑफिसर, इंडियन नेवल एयर स्क्वॉड्रन में पोस्टेड हैं.  

वहीं लेफ्टिनेंट पूजा पांडा, सब लेफ्टिनेंट पूजा शेखावत बतौर टेक्टिकल और सेंसर ऑफिसर और लेफ्टिनेंट अपूर्वा गीते बतौर पायलट इस ऐतिहासिक मिशन में शामिल रहीं.