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Budh Pradosh Vrat Katha: सावन और बुध प्रदोष का संयोग, जानिए महाप्रयोग और कैसे करनी है भगवान शिव की पूजा

आज सावन के बुधवार को प्रदोष की तिथि है, जिसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव और बुध ग्रह की उपासना की जाती है। ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी और एकाग्रता का कारक माना जाता है। मान्यता है कि बुध प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में इस व्रत को सर्व सुख प्रदान करने वाला और परम कल्याणकारी बताया गया है। यदि कोई व्यक्ति सावन सोमवार पर भगवान का पूजन नहीं कर पाया हो, तो सावन के अंतिम प्रदोष व्रत पर भगवान को प्रिय पुष्प अर्पित करने से पूरे सावन मास का फल मिल जाता है.