संतान की शिक्षा और ग्रहों के संबंध पर विशेष चर्चा. पंचम भाव, बृहस्पति, बुध और चंद्रमा की भूमिका. शिक्षा में सफलता के लिए ज्योतिषीय उपाय जैसे गुरु को पुष्ट करना, दुर्गा उपासना, चंदन का प्रयोग आदि. परीक्षा के समय आत्मविश्वास बढ़ाने के टिप्स. गायत्री मंत्र का महत्व और प्रभाव. बच्चों की शिक्षा में सुधार के लिए व्यावहारिक सुझाव.
कहते हैं कि कुंडली में अगर शनि की बुरी छाया पर जाए तो जीवन में तमाम तरह की दिक्कतें आ जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है कि शनि सिर्फ पीड़ा या कष्ट ही देते हैं. शनि तो सिर्फ कर्मों का फल देते हैं, जैसा कर्म, वैसा फल... आज हम आपको शनि के तीन योगों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके जीवन में उथल पुथल मचा सकते हैं. आखिर कौन से हैं वो शनि के तीन योग जिन्हें कोई भी अपनी कुंडली में देखना नहीं चाहता है? जानिए
शीतला माता का जिक्र स्कंद पुराण में मिलता है. पौराणिक मान्यता है कि इनकी पूजा और व्रत करने से चेचक के साथ ही अन्य तरह की बीमारियां और संक्रमण नहीं होता है. देवी मां का सबसे शीतल रूप सबसे निर्मल रूप. मां शीतला शीतलता प्रदान करने वाली और निरोगी काया का आशीर्वाद देने वाली देवी.. और मां शीतला की उपासना का सबसे उत्तम दिन है शीतला अष्टमी. कहते हैं कि इस दिन देवी की उपासना से विशेष लाभ मिल सकता है.
ऐसी वाणी बोलिए मन का आप होए औरन को शीतल करे आपहुं शीतल होय. हमें सबके साथ विनम्रता के साथ व्यवहार रहना चाहिए. सभ्य समाज की यही परंपरा है. लेकिन कभी-कभी हम कुछ ऐसा बोल जाते है..जो शालीनता के अनुरूप नहीं होता. और हमारे इसी व्यवहार से हमारे संबंध भी खराब हो जाते है. माना जाता है कि हमारे अच्छे और बुरे व्यवहार का हमारे ग्रहों से सरोकार होता है. तो ऐसा हम क्या करें कि जिससे हमारी वाणी संयमित हो जाए. हमारे आचरण से किसी को ठेस न पहुंचे. इन सभी समस्याओं का समाधान जानेंगे हमारी आज की पेशकश में.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में 9 ग्रहों की स्थिति का व्यक्ति के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है. ग्रहों के शुभ स्थिति से हर क्षेत्र में भाग्य साथ देता है और अशुभ प्रभाव से कष्ट झेलने पड़ते हैं. ज्योतिष शास्त्र मानता है कि हर रिश्ते के लिए अलग अलग ग्रह जिम्मेदार होते हैं.
होली के पांचवें दिन मनाया जाता है रंगों का रंगारंग त्योहार जिसे पंचमी तिथि होने के कारण इसे रंगपंचमी कहते हैं. मान्यता है कि ये सिर्फ तिथि नहीं है बल्कि देवताओं के आगमन का पुण्य प्रसंग भी है. रंग पंचमी के त्योहार की ब्रज में अलग ही धूम देखने को मिलती है. कहते हैं कि वो रंगपंचमी का ही दिन था. जब श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी और स्वर्ग से देवी-देवताओं ने उनपर पुष्पों की वर्षा की थी.और तब से ही इस परंपरा का जन्म हुआ.
हिंदू पंचांग के साथ साथ ज्योतिष में चतुर्थी तिथि यानी चौथ को रिक्ता यानी कि खाली तिथि मानते हैं लेकिन इसी तिथि पर भगवान गणपति के व्रत को करके न केवल सभी सुख पाए जा सकते हैं बल्कि संतान प्राप्ति भी की जा सकती है. सकष्टी चतुर्थी का व्रत करके साधक गणपति के वरदान और चंद्र पूजन से अपनी हर कामना की पूर्ति कर सकता है.
बेटा हो तो राम जैसा राजा हो तो राम जैसा या चरित्र हो तो राम जैसा दरअसल हमारे धर्म ग्रंथों में...श्री राम को सबसे आदर्श पुरुष माना गया है. भगवान राम ने मुश्किल परिस्थितियों में भी धैर्य रखा और सफलता हासिल की, तो आप भी श्री राम के गुणों से सीख लेकर अपने जीवन को बना सकते हैं सफल आज हम आपको बताने जा रहे हैं श्री राम की कृपा पाने के महाउपाय. जीवन की ऐसी कोई बाधा नहीं? जो राम नाम के जप से दूर नहीं की जा सकती. देखिए.
दुनिया का सबसे खूबसूरत पक्षी है मोर...और जब मोर का खूबसूरत सतरंगी पंख कान्हा के मुकुट में सजता है तो यही पंख चमत्कारी और शक्तिशाली बन जाता है. जिसके छोटे छोटे उपाय ना केवल कुंडली में ग्रहों की अनुकूलता लाते है बल्कि घर के वासुदोष को भी दूर कर देते है. आज हम आपको बताने वाले है मोर पंख के रहस्य... भगवान कृष्ण के मुकुट में हमेशा मोर का पंखा आखिर क्यों दिखता है? भगवान कार्तिकेय ने मोर को ही अपना वाहन क्यों चुना और कैसे? मोर पंख के छोटे छोटे उपाय आपको दिला सकते है बड़ा फायदा, चलिए जानते है.
Holi 2025: हुरियारों की टोली जब निकलती है तो रंगों का आवरण ओढ़ चुके चेहरों पर सिर्फ खुशनुमा बत्तीसी नजर आती है. इस दिन सबरंग बड़े सुहाने लगते है. रंगों और मस्ती से भरा त्योहार जिसमें उम्र का कोई बंधन नहीं होता जिसमें गिले शिकवे भूलकर दुश्मन भी गले मिल जाते है.उत्साह चरम पर होता है. होली के माहौल में दिन भी अलसाए से लगते हैं. हवा में जैसे सुरुर घुल जाता है.यही तो फाल्गुन की खासियत है. जो सबको अपने आनंद में भिगों देता है..अपने आगोश में समा लेता है. धऱती और आसमान..जहां देखों हर तरफ रंगों की धूम रहती है. आज होली है और हर तरफ खुशी के रंग बिखरे हैं.
ज्योतिष के जानकार बताते हैं कि होलिका दहन के दिन भद्रा का साया होगा.होलिका दहन के दौरान खास वस्तुओं को अर्पित करके खास लाभ उठा सकते हैं. होली की अग्नि की पवित्रता को लेकर ये भी कहा जाता है कि इस दिन अलग-अलग समस्या को दूर करने के लिए खास माना जाता है. तो किस शुभ मुहुर्त में जलाएं होली. कब उड़ाएं रंग और गुलाल..पहले ये वैदिक पंचांग के अनुसार जान लेते हैं.