Hanuman Jayanti 2024: आज हनुमान जयंती है और भक्त संकटमोचन की आराधना में लीन हैं. देशभर के मंदिरों में आज भक्तों का मेला लगा है. रामभक्त हनुमान अपने भक्तों पर हर रूप और हर स्वरूप में कृपा बरसा रहे हैं. ज्योतिष कहते हैं कि हनुमान जन्मोत्सव पर अगर हनुमान जी की विधि विधान से पूजा की जाए तो जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं. हनुमान जी को सात चिरंजीवियो में से एक माना जाता है.
Hanuman Janmotsav 2024: हनुमान जी का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था. हनुमान जयंती पर हनुमान जी की पूजा उपासना करने का प्रावधान है. इस दिन पूजा उपासना से हम जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं. इस दिन विशेष प्रयोग करके ग्रहों को भी शांत किया जा सकता है. शिक्षा, विवाह के मामले में सफलता और कर्ज-मुकदमे से मुक्ति के लिए ये दिन अति विशेष है. इस बार हनुमान जयंती 23 अप्रैल को है.
दुनिया का सबसे अच्छा पक्षी मोर माना जाता है. और जब मोर का सतरंगी पंख कान्हा के मुकुट में सजता है, तो यही पंख चमत्कारी और शक्तिशाली बन जाता है. जिसके छोटे-छोटे उपाय कुंडली में ग्रहों की अनुकूलता लाते हैं बल्कि घर के वास्तुदोष को भी दूर करते हैं. आज हम आपको मोर पंख के रहस्य के बारे में बताते है कि आखिर भगवान कृष्ण के मुकूट में मोर का पंख क्यों दिखाता है, जानिए
ग्रह नक्षत्रों का जीवन में गहरा असर होता है. जीवन में ग्रह किसी ना किसी रूप में प्रभाव डालते हैं. बात अगर अंकों की करें, तो ग्रहों का अंकों से भी संबंध होता है और ये आप पर प्रभाव भी डालते हैं. आज हम आपको शनि के अंक और उनके रहस्य के बारे में बताते हैं.
आपके जीवन को प्रभावित करने वाले 9 ग्रहों में शुक्र ग्रह का महत्व सबसे अधिक है क्योंकि शुक्र सुख और वैभव का ग्रह है. सौरमंडल के नवग्रहों में शुक्र का महत्व सबसे अधिक माना गया है. ज्योतिष में शुक्र को दूसरा सबसे शुभ और सुखदायी ग्रह माना जाता है. कुंडली मे शुभ शुक्र इंसान को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों का भोग कराता है. शुक्र का हमारे शरीर और जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है.
Kamada Ekadashi Vrat: चैत्र मास में एकादशी उपवास का विशेष महत्व है. कामदा एकादशी से मन और शरीर दोनों ही संतुलित रहते हैं और रोगों से रक्षा होती है. पाप नाश और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कामदा एकादशी का विशेष महत्व है. कल कामदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. कामदा एकादशी पर वासुदेव कृष्ण की उपासना का विधान है. जानकारों की मानें तो इस दिन श्रीकृष्ण की विधिवत उपासना करके इंसान अपने सभी पापों से मुक्ति पा सकता है.
वासंतिक नवरात्रि के नौवें दिन भगवान राम का जन्म हुआ था, इसको रामनवमी भी कहते हैं. चेहरे पर मोहनी मुस्कान लिए प्रभु राम माता कौशल्या के घर प्रकट हुए थे. भक्तों के दुख दूर करने और दुष्टों का अंत करने के लिए त्रेता युग में आज ही के दिन पैदा हुए थे. आज की तिथि इसलिए बहुत ही पावन और पुण्यफलदायी मानी जाती है.
मां महागौरी की 4 भुजाएं हैं और मां का वाहन वृषभ है. मां महागौरी नवदुर्गा का आठवां स्वरूप है और अष्टमी तिथि को देवी के इसी स्वरूप की उपासना की जाती है. मां की महिमा अपार है. कहते हैं दुर्गाष्टमी के दिन गौरी मां की उपासना और ध्यान करने से सर्वकल्याण होता है. विवाह संबंधी तमाम बाधाओं के निवारण में भी इनकी पूजा अचूक होती है.
मां कालरात्रि मां दुर्गा का सबसे विकराल स्वरूप है. इनके बाल बिखरे रहते हैं और गले में बिजली सी चमकने वाली माला है. दुष्टों और राक्षसों के दमन के लिए ही देवी मां ने ये संहारक अवतार लिया था. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो मां काली की उपासना से जीवन की हर बाधा से छुटकारा मिल सकता है.
नवरात्रि की छठे दिन मां कात्यायनी की उपासना की जाती है. यदि आप मनचाहे विवाह के प्रयास कर रहे हैं तो मां कात्यायनी की विशेष पूजा-उपासना आपके लिए लाभकारी हो सकती है. हम आपको बताते हैं कि पूजा के समय किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
नवरात्रि के नौ दिनों में देवी की साक्षात कृपा बरसती है. आज नवरात्रि का पांचवा दिन है. इस दिन मां स्कंदमाता की उपासना हो रही है. भगवान कार्तिक की माता स्कंदमाता की कृपा हो जाए, तो संतान से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती है. इसके लिए पूजा विधि और नियम क्या है. जानिए