ईश्वर की भक्ति हर व्यक्ति करता है, लेकिन हर किसी के मन में एक ही देव का वास होना आवश्यक नहीं है. हर व्यक्ति का एक इष्ट देव होता है, जिनका स्मरण सुख और दुख में रहता है. इष्ट देव वह परम शक्ति हैं जिनकी परिकल्पना साकार और निराकार दोनों है. धर्म ग्रंथों और पुराणों में भी इनका उल्लेख है. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, इष्ट देव की कृपा से व्यक्ति को जीवन में सफलताएं और मनोवांछित कामनाएं ईश्वर से भी अधिक जल्दी पूर्णता की मदद मिलती है वो है इष्ट देव. एक इष्ट की आराधना से ही सर्व कल्याण होता है.