गरुड़ कमांडो बेहद कम वक्त में मुश्किल ऑपरेशन को सटीक रूप से अंजाम देने के लिए जाने जाते हैं. 3 साल की कड़ी ट्रेनिंग से गुजरकर ये जवान फौलाद बनते है और देश की सबसे एलीट स्पेशल फोर्स का हिस्सा बनते हैं. हर कमांडो को 72 हफ्ते के ट्रेनिंग कोर्स से होकर गुज़रना पड़ता है, जिसमें बेसिक ट्रेनिंग भी शामिल होती है. 3 साल की ट्रेनिंग के बाद ही एक गरुड़ कमांडो पूरी तरह ऑपरेशनल कमांडो बनता है.
As IAF Garud Special Forces are set to be deployed along the China border, let us take a look at the glimpses of training of this special force.