हरतालिका तीज का महापर्व देश भर में सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया. इस व्रत का पालन निर्जला उपवास के साथ किया जाता है और इसे 13 साल तक लगातार रखने का नियम है. पूजा प्रदोष काल में होती है, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है.