देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा की तिथि को लेकर बनी उलझन अब समाप्त हो गई है. ज्योतिषियों ने स्पष्ट किया है कि यह पर्व 4 नवंबर की बजाय 5 नवंबर को मनाया जाएगा. पंडित अरविंद शुक्ला ने पुष्टि की है कि उदया तिथि और प्रदोष काल के आधार पर 5 नवंबर को ही कार्तिक पूर्णिमा है. इस दिन काशी के घाटों पर लाखों दीये जलाकर भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर राक्षस के वध का जश्न मनाया जाता है. मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर देवता पृथ्वी पर आकर गंगा में स्नान करते हैं. इस वर्ष देव दीपावली पर सर्वार्थसिद्धि और शिवास जैसे कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इस पर्व के महत्व को और भी बढ़ा देते हैं. देव दीपावली और कार्तिक पूर्णिमा की सही तिथि पर विशेषज्ञों अरविंद शुक्ला, नितीशा जी, संजय जी और वान्या जी के साथ विशेष चर्चा हुई. विशेषज्ञों ने चंद्रमा के उपाय, भगवान विष्णु और शिव की उपासना के तरीकों पर भी बात की. कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है और चांदी खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. कर्ज से मुक्ति, संतान प्राप्ति और विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए तुलसी पूजा और दीपदान के विशेष उपाय भी साझा किए गए, जिसमें 51 दीपक जलाना पूर्णता का प्रतीक बताया गया है.
देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर, जब भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा के बाद जागृत होते हैं, मांगलिक कार्यों का पुनः शुभारंभ होता है. गुड न्यूज़ टुडे पर नवजोत संधावास ने ज्योतिष विशेषज्ञों आचार्य राज मिश्रा, डॉ. सुमित्रा अग्रवाल, राज जी, वान्या जी, श्रुति जी और राशिद के साथ इस महापर्व के महत्व पर विशेष चर्चा की. आचार्य राज मिश्रा के अनुसार, इस दिन केवल देव ही नहीं, ग्रह भी जागृत होते हैं. कार्यक्रम में चातुर्मास के समापन, विवाह और गृह-प्रवेश जैसे शुभ कार्यों पर लगी रोक हटने तथा शीघ्र विवाह के लिए तुलसी विवाह की पूजन विधि और महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया. विशेषज्ञों ने रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे शुभ संयोगों का उल्लेख किया, जो भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करने में सहायक होते हैं. इस दिन की गई पूजा-अर्चना को अश्वमेध यज्ञ के समान फलदायी बताया गया. ज्योतिषियों ने विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने और दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के अचूक उपाय सुझाए, जिनमें 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप और विष्णु सहस्रनाम का पाठ शामिल है. नवंबर 2025 में 2, 3, 12, 17, 21, 22, 23, 30 और दिसंबर 2025 में 4, 5, 6 विवाह के शुभ मुहूर्त बताए गए. साथ ही, दिसंबर 2025 से जनवरी 2026 तक शुक्रास्त के कारण विवाह कार्यों के स्थगन की जानकारी भी दी गई. विभिन्न राशियों के लिए तुलसी पूजा, मंत्र जाप और दान जैसे विशेष उपाय भी साझा किए गए.
गुड न्यूज़ टुडे पर एंकर नवजोत रंधावा ने विशेषज्ञों के साथ सोने की कीमतों में गिरावट और आगामी शादी के सीजन पर इसके प्रभाव पर चर्चा की. देवउठनी एकादशी से शुरू हो रहे वेडिंग सीजन में लगभग ₹6,50,000 करोड़ के कारोबार का अनुमान है. अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने सोने में 15% प्रति वर्ष की वृद्धि की उम्मीद जताते हुए इसे खरीदने का सही समय बताया. कार्यक्रम में सोना खरीदने के तरीके, मेकिंग चार्ज और 9 कैरेट गोल्ड हॉलमार्किंग जैसे विकल्पों पर भी बात हुई. ज्योतिष प्रतीक भट्ट ने सोने के भविष्य पर ज्योतिषीय विश्लेषण प्रस्तुत किया. सोने की कीमतों में गिरावट के बाद निवेशक असमंजस में हैं. एक्सपर्ट सैम मेहरा, आकाश जिंदल और ज्योतिष प्रतीक जी ने सोने और चांदी में निवेश के सही समय पर चर्चा की. प्रतीक जी ने सोने की तरफ भागने को अंधी दौड़ बताया. मुंबई के सर्राफा बाजार से सैम मेहरा ने अगली दिवाली तक सोने के ₹1,60,000 तक पहुंचने का अनुमान लगाया. विशेषज्ञों ने चांदी में 35% तक के रिटर्न की उम्मीद जताई. डी-डॉलराइजेशन जैसे वैश्विक कारकों और शादी के सीजन की मांग के बीच निवेशकों को सोने, चांदी और अन्य विकल्पों के साथ एक संतुलित पोर्टफोलियो बनाने की सलाह दी गई.
लोक आस्था का महापर्व छठ पूरे देश में मनाया गया. गुड न्यूज़ टुडे पर नवजोत नंद के साथ विशेष कवरेज में दिल्ली-एनसीआर से लखनऊ तक के घाटों से सीधी तस्वीरें आईं, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. धर्मगुरु वान्या जी ने डूबते सूर्य को अर्घ्य का महत्व बताया. नोएडा स्टेडियम और गौर सिटी के कृत्रिम तालाबों में गंगाजल व फूलों के बीच हज़ारों व्रतियों ने पूजा की, जहां छठ गीतों की गूंज सुनाई दी. देशभर में डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया, जिसमें मुंबई के जुहू बीच पर 3 लाख से ज़्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, जहां बीएमसी चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री सहित कई नेताओं के पहुंचने की उम्मीद थी. रिपोर्टर धर्मेंद्र ने बिहारी वोट बैंक के महत्व को रेखांकित किया. जयपुर में व्रतियों ने हल्की बारिश और ठंड के बावजूद पूजा की. पटना में भोजपुरी अभिनेत्री अक्षरा सिंह भी छठ करती नज़र आईं. विशेषज्ञों ने इस पर्व को रामायण और महाभारत काल से जुड़ा बताया, मान्यता है कि भगवान राम व माता सीता ने भी यह 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत किया था.
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. गुड न्यूज़ टुडे पर नवजोत के साथ ज्योतिषियों आचार्य राज मिश्रा, प्रतीक भट्ट, वान्या जी और डॉक्टर नीतू शाह ने इस पर्व के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. प्रतीक भट्ट ने बताया कि सूर्य के नीच की स्थिति में होने पर की गई पूजा अधिक लाभकारी होती है. इस विशेष चर्चा में छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान, नहाय-खाय से लेकर उषा अर्घ्य तक के नियम, माता सीता, कर्ण और द्रौपदी से जुड़ी पौराणिक कथाएं, और पर्व का वैज्ञानिक महत्व समझाया गया.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने अंतिम चरण में है. हाल ही में शीतकाल के लिए केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए. इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने रिकॉर्ड संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं के प्रति आभार व्यक्त किया. मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि आपदा के तीन महीने के बावजूद इस वर्ष 50 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए, जो एक नया कीर्तिमान है.
देशभर में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस विशेष कार्यक्रम में ज्योतिषियों और पंडितों जैसे विनोद भारद्वाज, आचार्य संजीवनी ओथरी, पंडित हनुमान मिश्रा और संजीव कृष्ण ठाकुर ने गोवर्धन पूजा के महत्व, श्रीकृष्ण से जुड़ी कथाओं और 56 भोग के पीछे की कहानी पर प्रकाश डाला. दिल्ली के अक्षरधाम और झंडेवालान मंदिरों तथा जयपुर के अक्षरधाम मंदिर में हुए भव्य आयोजनों की झलकियां प्रस्तुत की गईं, जहां 'ब्रज की रज' से प्रतीकात्मक गोवर्धन पर्वत बनाया गया और 1001 व्यंजनों का अन्नकूट लगाया गया.
गुड न्यूज़ टुडे के विशेष कार्यक्रम में भाई दूज की तारीख को लेकर बनी उलझन को ज्योतिषियों आचार्य राज मिश्रा, डॉ. नितीशा मल्होत्रा और पंडित प्रकाश जोशी ने दूर किया. पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर की रात 8:16 से शुरू होकर 23 अक्टूबर की रात 10:46 तक रहेगी, लेकिन उदया तिथि के कारण 23 अक्टूबर को ही यह पर्व मनाना शास्त्रसम्मत है. तिलक का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:13 से 3:28 तक निर्धारित है. इस बार भाई दूज पर विशाखा नक्षत्र, बुधादित्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे कई शुभ संयोग बन रहे हैं.