शिक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वेक्षण में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं. तीसरी कक्षा के 45% बच्चों को एक से 100 तक की गिनती नहीं आती और छठी कक्षा के केवल 53% बच्चे ही पहाड़ा जानते हैं. गणित में बच्चों का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा है जबकि भाषा में बेहतर प्रदर्शन देखा गया है. सर्वेक्षण 'परख' के तहत 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 74,229 स्कूलों के 21.15 लाख से अधिक विद्यार्थियों का मूल्यांकन किया गया.
गुरु ग्रह 9 जुलाई को मिथुन राशि में उदय होने जा रहे हैं. ज्योतिष शास्त्र में गुरु को अत्यंत शुभ और प्रभावशाली ग्रह माना जाता है. 9 जून को अस्त हुए देव गुरु बृहस्पति के उदय होने से अब शुभ कार्यों की फिर से शुरुआत होने वाली है. विवाह, सगाई, मुंडन जैसे संस्कार, संपत्ति की खरीद-बिक्री, व्यवसाय और निवेश जैसे कार्य फिर से शुरू हो सकेंगे. शास्त्रों के अनुसार, शिक्षा की अच्छी शुरुआत के भी संकेत दिख रहे हैं.
हाल के दिनों में शादीशुदा जोड़ों के बीच विवाद और टकराव की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे समाज में चिंता बढ़ी है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस समस्या के समाधान के लिए 'तेरे मेरे सपने' नामक पहल शुरू की है. इस पहल के तहत शादी से पहले युवक और युवती को गृहस्थ जीवन के मायने समझाए जाएंगे और उन्हें मानसिक तौर पर तैयार किया जाएगा. उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में संवाद केंद्र खोलने का काम चल रहा है, जिसमें मथुरा और गौतमबुद्ध नगर में सबसे पहले केंद्र खोलने की तैयारी है.
देवशयनी एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु और माता पार्वती की पूजा का विधान है. लक्ष्मी नारायण की कृपा पाने के लिए देवशयनी एकादशी का व्रत भी रखा जाता है. क्या पूजन विधान है और इस अवसर पर कैसे सौभाग्य की प्राप्ति होगी. तमाम उपायों पर चर्चा करेंगे. खास बात ये है कि इस बार देवशयनी एकादशी पर कई दुर्लभ योग का संयोग बन रहा है. इस पर भी हम ज्योतिष के जानकारों से चर्चा करेंगे
बाबा बर्फानी के भक्तों का लंबा इंतजार खत्म हो गया है. अमरनाथ यात्रा का श्री गणेश हो चुका है और भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन का पुण्य पाने के लिए पहुंच रहे हैं. इस महातीर्थ का सार, शास्त्रों में इसकी महिमा और शिव शक्ति के उस प्रसंग पर चर्चा की गई, जिसका संबंध इस पवित्र गुफा से है. उस अमरकथा की बात की गई जो खुद महादेव ने अमरनाथ गुफा में माता पार्वती को सुनाई थी.
कर्नाटक के हासन जिले में 40 दिनों के भीतर 22 लोगों की हार्ट अटैक से मौत के बाद चिंता का माहौल बन गया है, जिनमें ज्यादातर युवा शामिल थे. इस घटना के बाद कोविड वैक्सीन को लेकर सवाल उठने लगे कि क्या वैक्सीन युवाओं में हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा रही है. देश भर में युवाओं में अचानक हार्ट अटैक से मौतों की खबरें लगातार आ रही हैं. इन सवालों और अफवाहों पर विराम लगाते हुए, आईसीएमआर और एम्स की रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि कोविड वैक्सीन का युवाओं में अचानक हार्ट अटैक से कोई वैज्ञानिक या मेडिकल संबंध नहीं है.
आज हजारों लाखों छात्र DU में एडमिशन लेना चाहते हैं. लेकिन कभी उन्हें ड्रीम कॉलेज मिलता है तो कभी मनचाहा कोर्स, वो किस्मतवाले ही होते हैं जो एक गुड कॉम्बिनेशन पा लेते हैं....एक खराब कॉम्बिनेशन जहां उनके पूरी लाइफ का कैल्कुलेशन बिगाड़ देता है बल्कि उनके सपनों की उ़़ड़ान भी रोक देता है. इसी कंफ्यूजन को दूर करने की कोशिश करेंगे. साथ ही बताएंगे आपको नए छात्रों के लिए उनके सीनियर्स किस हेल्प प्लान के जरिए उनकी मदद कर रहे हैं . वो कौन कौन से मुद्दे हैं जिन पर छात्र कंफ्यूज होते हैं...कैसे उनको काउंसल किया जाए.
बॉलीवुड एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की 42 साल की उम्र में अचानक मौत हो गई. शुरुआती जांच में मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है. पुलिस को जांच के दौरान एक्ट्रेस के घर से एंटी-एजिंग दवाई ग्लुटाथियॉन और स्किन ग्लो से संबंधित मेडिसिन मिली है. डॉक्टरों को संदेह है कि खाली पेट ग्लुटाथियॉन का इंजेक्शन लेने से उनका ब्लड प्रेशर तेजी से गिरा, जिससे कार्डियक अरेस्ट हो सकता है. ग्लैमर इंडस्ट्री में लुक्स को लेकर भारी दबाव है, जिसके चलते लोग वजन घटाने या बढ़ाने के लिए खतरनाक इंजेक्शन और पिल्स जैसे त्वरित उपायों का सहारा लेते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई भी चीज़ को बहुत जल्दी एक एक्स्ट्रीम तरीके से अटैन करने की कोशिश करें तो उसके हार्मफुल इफेक्ट्स होंगे ही होंगे. मनोरंजन जगत में कलाकारों पर सुंदरता और फिटनेस का भारी दबाव होता है, जिसके चलते वे कई बार कृत्रिम उत्पादों का सहारा लेते हैं जिनके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, समय पर सोना, समय पर उठना, अधिक न खाना और रात में भारी भोजन से बचना जैसी सामान्य आदतें ही लंबे समय तक स्वास्थ्य लाभ देती हैं और यही एकमात्र समाधान है.
आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर विस्तार से बात करेंगे. इसके पौराणिक महत्व और परंपराओं को और इससे जुड़ी कथाओं को जानेंगे साथ ही आज के दिन के शुभ संयोगों पर भी बात करेंगे. पुरी की रथ यात्रा 12 दिन तक चलती है और इन 12 दिनों में हर दिन का खास महत्व होता है. रथयात्रा के इन सभी दिनों का महत्व समझेंगे और कैसे इस साल रथयात्रा का पुण्य फल मिले इसके उपाय भी जानने की कोशिश करेंगे
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) पर पहुँचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं, जिन्होंने फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस स्टेशन से उड़ान भरी थी. स्पेस स्टेशन से जानकारी मिली कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 05:31 एएम सेंट्रल टाइम पर पहुँचने की प्रक्रिया पूरी हुई. शुभांशु शुक्ला और उनके साथी 14 दिनों तक अंतरिक्ष में रहेंगे और 60 प्रयोग करेंगे; इस दौरान डॉकिंग की प्रक्रिया संपन्न हुई और परिवार के सदस्य इस घटना को देख रहे थे. भारतीय अंतरिक्ष यात्री का इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर सफल डॉकिंग हुआ है, जिससे देश और परिवार में गर्व का माहौल है. इस ऐतिहासिक पल पर परिवार ने तिरंगा लहराया और कहा कि अगला 14 दिन बहुत बढ़िया बीतेंगे. यह उपलब्धि भारत के गगनयान मिशन और भविष्य के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में सफलतापूर्वक डॉक किया है, जिससे उनके परिवार में खुशी का माहौल है और वे उनके लिए पूजा-पाठ कर रहे हैं. शुभांशु ISS में 14 दिनों तक रहेंगे और भारत के लिए 7 महत्वपूर्ण शोध करेंगे, जो गगनयान जैसे भविष्य के मिशनों के लिए अहम होंगे. यह मिशन अंतरिक्ष में जीवन और माइक्रो-ग्रेविटी के प्रभावों को समझने में मदद करेगा, साथ ही निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाता है.
भारत के शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में ऐतिहासिक उड़ान भरी है. वे राकेश शर्मा के 41 साल बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. उन्होंने स्पेस से संदेश भेजा, 'कंधे पर तिरंगा है, दिल में जय हिंदुस्तान', जो भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है. यह मिशन वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन पर केंद्रित है, और इसरो के गगनयान मिशन तथा भविष्य के भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन पर अंतरिक्ष में हैं. यह मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा. अंतरिक्ष में हड्डियों और मांसपेशियों के क्षरण को रोकने के लिए विशेष आहार और योग का महत्व बताया गया है. शुभांशु अपने साथ आमरस, गाजर और मूंग दाल का हलवा ले गए हैं, जो प्रोटीन, वसा और विटामिन ए जैसे पोषक तत्वों से भरपूर हैं. यह मिशन 14 दिनों तक चलेगा और इसमें कई वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे. अंतरिक्ष यात्रियों को गहन प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें अंडरवाटर और गुरुत्वाकर्षण प्रशिक्षण शामिल है. शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में सात प्रयोग कर रहे हैं, जिनमें टोडीग्रिड्स और साइनोबैक्टीरिया पर शोध शामिल है, जो भविष्य के अंतरिक्ष भोजन और ऑक्सीजन रीसाइक्लिंग के लिए महत्वपूर्ण हैं. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग, पोषण और तनाव प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है.