सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश और अन्य हिमालयी राज्यों में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे पर गहरी चिंता व्यक्त की है. जुलाई 2023 में हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से 170 से अधिक लोगों की मौत हुई और राज्य को 1700 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर भी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हैं, जहां जलवायु परिवर्तन, अनियोजित विकास, जंगल कटाई, हाइड्रो प्रोजेक्ट्स और पर्यटन को प्रमुख कारण बताया गया है. कोर्ट ने हिमाचल सरकार से चार हफ्ते में एक्शन प्लान मांगा है और पहाड़ी क्षेत्रों में विकास कार्यों से पहले भू-वैज्ञानिकों, स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों से सलाह लेने का सुझाव दिया है. पर्यावरण संबंधी स्वीकृतियों के दुरुपयोग, जल स्रोतों के सूखने और बस्तियों को नुकसान के मुद्दे भी उठाए गए हैं. हिमालयी पारिस्थितिकी का महत्व जलवायु और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, और पहाड़ों के लिए एक विशेष नीति की आवश्यकता पर जोर दिया गया है.