शिमला से 30 किलोमीटर दूर धामी में दिवाली के दूसरे दिन परंपरा के तौर पर एक खूनी खेल खेला जाता है. इसमें पत्थरबाजों की टोलियां दूसरी टोलियों पर पत्थरों से प्रहार करती हैं. इस खेल में जिसके सिर पर पत्थर लगने से खून निकलता है उस खून को मां काली के मंदिर में चढ़ाया जाता है. हालांकि इस साल कोरोना की वजह से ये खेल प्रतीक के रूप में मनाया जा रहा है. लोग एक दूसरे पर पत्थर तो फेंक रहे हैं लेकिन बस परंपरा निभाने के लिए. कहते हैं इस परंपरा की शुरुआत करीब 500-600 साल पहले हुई थी. देखें Video.
A stone-pelting fair is organized in Himachal Pradesh's Dhami village a day after Diwali. Thousands of people gather in two groups and throw stones at each other as part of the centuries-old tradition. Watch this video to know more.