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दिवाली के दो दिन बाद भी दिल्ली को नहीं 'राहत की सांस'

दिवाली पर पटाखे चलाने पर लगे प्रतिबंध के बावजूद पूरे देश में जमकर आतिशबाजी हुई. जिसका परिणाम अब बढ़ते वायु प्रदूषण के रूप में देखा जा सकता है. दिवाली के दो दिन बाद भी देश की राजधानी दिल्ली को 'राहत की सांस' नहीं आ रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

दिवाली पर पटाखे चलाने पर लगे प्रतिबंध के बावजूद पूरे देश में जमकर आतिशबाजी हुई. जिसका परिणाम अब बढ़ते वायु प्रदूषण के रूप में देखा जा सकता है. दिवाली के दो दिन बाद भी देश की राजधानी दिल्ली को 'राहत की सांस' नहीं आ रही है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार की सुबह दिल्ली के मशहूर इलाकों में से एक, कनॉट प्लेस (सीपी) में पीएम 10 का स्तर 654 दर्ज किया गया है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आंकड़ों के हवाले से बताया गया कि शनिवार को कनॉट प्लेस में पीएम 2.5 का स्तर 628 पर पहुंच गया. इस इलाके में लगे स्मॉग टावर से यह आंकड़े जुटाए गए हैं.

जंतर मंतर में, पीएम 10 का स्तर 382 था, जबकि पीएम 2.5 का स्तर 341 पर पहुंच गया. आईटीओ के पास, पीएम 2.5 का स्तर 374 दर्ज किया गया. 

क्या हैं पीएम 2.5 और पीएम 10: 

पीएम 2.5 ऐसे परिवेशी वायुजनित कण होते हैं, जिनका आकार 2.5 माइक्रोन तक होता है. सूक्ष्म आकार होने के कारण ये कण सांस लेते समय रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं. वहीं, पीएम 10 विशिष्ट रूप से धूल के कण हैं.

कुल मिलाकर दिल्ली का एक्यूआई दिवाली के दो दिन बाद भी शनिवार सुबह 533 पर पहुंच गया. शुक्रवार को एक्यूआई 462 पर था.  इस तरह के उच्च प्रदूषण के स्तर ने लोगों की स्वास्थ्य के प्रति चिंता बढ़ा दी है। दिवाली के बाद की सुबह तो दिल्ली के आसमान में धुंध की मोटी चादर छाई हुई थी, कई लोगों ने गले में खुजली और आंखों से पानी आने की शिकायत की थी.

केंद्र द्वारा संचालित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार, रविवार शाम (7 नवंबर) तक हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा.

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