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Jaipur: ऑनलाइन लूडो के चक्कर में लुटेरा बन गया सिक्योरिटी गार्ड, 75 लाख की डकैती में पकड़ा गया

राजस्थान में एक सिक्योरिटी गार्ड ऑनलाइन लूडो गेम से लाखों रुपए कमाए. लेकिन जब पैसे हारने लगा तो उसपर इतना कर्ज हो गया कि वो इसे चुकाने के लिए रास्ता तलाशने लगा. आखिरकार वो लुटेरों के चंगुल में फंस गया और लूट की वारदातों को अंजाम देने लगा. आखिर में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

Security guard became a robber (Photo/Meta AI) Security guard became a robber (Photo/Meta AI)

राजस्थान के जयपुर में ऑनलाइन लूडो गेम में मुनाफे के लालच में एक सिक्योरिटी गार्ड लुटेरा बन गया. शुरुआती दौरे में ऑनलाइन गेम में अच्छी रकम कमा चुका गार्ड आखिर में जब लाखों का कर्जदार बना तो उसने लूट गैंग ज्वाइन कर ली. इसके बाद उसने कर्ज चुकाने के लिए गिरोह के बदमाशों के साथ मिलकर जयपुर में 75 लाख रूपये की बड़ी लूट की वारदात को अंजाम दिया. जब पुलिस ने मुंबई और भरतपुर में छापेमारी कर गिरोह से जुड़े बदमाशों को पकड़ा, तब उसमें आरोपी अरविंद जाटव उर्फ नेता भी शामिल था. जिसने कुछ समय पहले ही गार्ड की नौकरी छोड़ गिरोह का हाथ थाम लिया था. यही नहीं, इसके लिए उसने डकैती में काम आने वाले हथियार फ्लिपकार्ट से ऑनलाइन ऑर्डर भी किए. लेकिन जब पुलिस ने मामला का पर्दाफाश किया तो सिक्योरिटी गार्ड जेल पहुंच गया.

फिल्मी स्टाइल में लूट की वारदात-
जयपुर पूर्व पुलिस उपायुक्त तेजस्वनी गौतम के अनुसार व्यवसायी बृजमोहन गाँधी ने रिपोर्ट दी कि बीते 3 जून की शाम करीब 5.30 अपने ऑफिस जौहरी बाजार से एक कपड़े के बैग में हीरा-पन्ना के जेवरात लेकर अपनी गाड़ी से जा रहा था. तभी शाम करीब 6 बजे शहर के बीचोबीच एसएमएस अस्पताल से थोड़ा आगे रामसिंह रोड पर पृथ्वीराज टी पाइंट की रेड लाईट पर फिल्मी स्टाइल में दो बाइक सवार बदमाश आए और गाडी का शीशा तोड़कर बैग लेकर भाग गए.

सिक्योरिटी गार्ड ने कबूला जुर्म-
चोरी हुए बैग में 75 लाख के आभूषण थे, जिसे बदमाश कुछ ही मिनटों में लेकर फरार हो गए. घटना के बाद इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और घटना में प्रयुक्त महाराष्ट के नम्बर की एक स्कूटी को चिन्हित किया गया. इसके बाद उसके आधार पर भरतपुर के धर्मवीर उर्फ राहूल जाट को उसके गांव अनीपुर से डिटेन कर पूछताछ की गई. हालांकि पुलिस पूछताछ में धर्मवीर ने घटना से इंकार कर दिया, लेकिन जब उसे उसके फुटेज दिखाये गये तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया. आरोपी धर्मवीर ने मुंबई के रहने वाले अपने साथी संतोष सिंह चौहान, विशाल उर्फ बिस्सु, अनिकेत उर्फ लाला, राहूल चौधरी और अरविन्द उर्फ नेता के साथ मिलकर डकैती की योजना बनाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया था.

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ऑनलाइन लूडो गेम में लाखों रुपए गंवाए-
पुलिस पूछताछ में आरोपी अरविन्द जाटव उर्फ नेता ने बताया कि काफी समय तक गार्ड की नौकरी की और इसके बाद एक एप के जरिये ऑनलाइन लूडो गेम खिलवाता था. जिसके शुरुआत में तो उसको करीब 10-12 लाख रुपये का मुनाफा हुआ. लेकिन बाद में इसी गेम में उसे इतने रुपये का घाटा हो गया, जिसकी पूर्ति के लिए उसने ब्याज पर कर्ज लिया. इस कर्ज को चुकाने के लिये उसने लूट का रास्ता अपनाया. उसने मुख्य सरगना संतोष के चंगुल में आकर चोरी और लूट की वारदात करने लगा.

ऑनलाइन ऑर्डर किए थे लूट में इस्तेमाल सामान-
इसी तरह मुल्जिम धर्मवीर उर्फ राहूल और राहूल चौधरी भी पूर्व में गार्ड की नौकरी करते थे. जिसके छूट जाने पर इनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गयी, जिसके कारण इन्होने भी अरविन्द के संपर्क में आकर चोरी और लूट की घटना करना शुरु कर दिया. वही मुल्जिम अनिकेत उर्फ लाला शौक के लिये मुख्य सरगना संतोष के ड्राइवर के रुप में काम करता है और संतोष के इशारे पर वारदात में शामिल हो जाता था. आरोपियों ने लूट के लिए शीशा तोड़ने का यंत्र ग्लास हैमर और मिर्च पाउडर डालने के लिये सैफ्टी स्प्रेयर फ्लिपकार्ट पर ऑनलाइन ऑर्डर करके मंगवाए थे. 

वारदात के बाद घटना स्थल से 7-8 किलोमीटर दूर जाकर मोटरसाइकिल दूसरे को दे देते थे और खुद ऑटो, कैब, बस या फिर ट्रेन से दूसरी जगह फरार हो जाते. यही नहीं, बाइक उपलब्ध करवाने वाले को भी लूट के माल का हिस्सा देते थे. मामले में आरोपी अनिकेत उर्फ लाला को मुम्बई और राहूल चौधरी व अरविन्द जाटव उर्फ नेता को भरतपुर शहर के पास से जयपुर आगरा रोड से गिरफतार किया गया. वहीं, मामले में मुल्जिम संतोष चौहान और विशाल उर्फ बिस्सु फरार चल रहे है.

(विशाल शर्मा की रिपोर्ट)

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