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Kushinagar: 3 दिन बाद कब्र से 10 साल की मासूम की लाश गायब, फैमिली ने खोला राज

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक 10 साल की बच्ची की मौत हो गई. उसके शव को कब्र में दफना दिया गया. लेकिन 3 दिन बाद कब्र से लाश गायब हो गई. जब पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की तो पूरा माजरा समझ आया. पुलिस ने मासूम की फैमिली को गिरफ्तार कर लिया है.

Grave (Photo/Meta AI) Grave (Photo/Meta AI)

ज़रा सोचिए... एक बच्ची, सिर्फ 10 साल की उम्र में मौत... मौत के बाद भी उसे चैन नहीं मिला. पहले दफनाया गया. फिर 3 दिन बाद उसकी कब्र खोदकर उसकी लाश गायब कर दी गई. लेकिन जब खुलासा हुआ तो पुलिस भी दंग रह गई और पूरा गांव स्तब्ध हो गया. ये कोई आम मामला नहीं था. ये अंधविश्वास का सबसे खौफनाक चेहरा था.

3 दिन बाद कब्र से गायब हो गई लाश-
कुशीनगर के पटहेरवा थाना क्षेत्र और वहां का एक गांव पटहेरिया का टोला सहदौली, जहां बीते 18 जुलाई को दफनाई गई 10 साल की मासूम की लाश 21 जुलाई को अचानक कब्र से गायब हो गई. ना कोई गवाह, ना कोई सबूत, सिर्फ एक खाली कब्र और चारों ओर पसरा सन्नाटा.

इस घटना के बाद गांव में हलचल मच गई कि आखिर मासूम की लाश कहाँ गई? पुलिस ने जब जांच की रफ्तार तेज की तो 16 दिन बाद जो सामने आया. उसने रूह तक को हिला दिया. कब्र से बस 100 मीटर दूर, सुनसान टावर की झाड़ियों में बच्ची की जहां लाश मिली, उसके पास से एक बुर्का मिला. इसके साथ ही वहां एक साड़ी भी मिली. इन कपड़ों की मदद से तंत्र-मंत्र की खौफनाक साजिश की पोल खुली. जिसमें अपनों ने ही मासूम को फिर से ज़िंदा करने की ‘तमन्ना’ में उसे फिर से मार डाला.

मासूम की फैमिली गिरफ्तार-
गिरफ्तार किए गए लोगों में बच्ची की मां जुबैदा खातून, उसकी बहन सुबैदा, सुगनु खान और तबारक शामिल हैं. इन सबने मिलकर रात में शव को कब्र से निकाला और तंत्र क्रिया करने की कोशिश की. लेकिन पकड़े जाने के डर से शव को झाड़ियों में छोड़कर भाग गए.

एक मां, जिसने खुद अपनी बेटी को दफनाया. वही मां उसे दोबारा ज़िंदा करने के लिए उसकी कब्र खोदकर, शव को निकालकर, उसे काले तंत्र के हवाले कर देती है. क्या ये सिर्फ अंधविश्वास था? या कुछ और. पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. और अब कानून अपने रास्ते पर है. लेकिन समाज को सोचने की ज़रूरत है. 

एक मां, जिसने बेटी को खोई. लेकिन अंधविश्वास में इतना डूब गई कि उसे ज़िंदा करने की उम्मीद में कानून की भी हदें पार कर गई. ये मामला सिर्फ एक पुलिस केस नहीं, बल्कि समाज को आईना दिखाने वाली कहानी भी है.

(संतोष कुमार सिंह की रिपोर्ट)

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