Neena Gutpa
Neena Gutpa कुछ समय पहले नीना गुप्ता ने अपनी ऑटोबायोग्राफी सच कहूं तो लॉन्च की थी. इसमें नीना ने अपनी कॉलेज लाइफ से लेकर विवियन रिचर्ड्स से रिश्ते और सिंगल मदर के रूप में सामने आईं चुनौतियों का जिक्र किया है. किताब में नीना ने अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी कई बातें बोली हैं. नीना ने जिक्र किया कि बचपन में एक डॉक्टर और टेलर द्वारा उनका मोलेस्टेशन (छेड़छाड़) किया गया था, जिसके बारे में उन्होंने अपनी मां को कभी नहीं बताया.
घटना के बाद बहुत रोईं नीना
किताब में नीना ने बताया कि वो अपने भाई के साथ एक ऑप्टिशियन (नजर की जांच करने वाला) के पास गई थीं. इस दौरान उनके भाई को वेटिंग रूम में रुकने के लिए कहा गया, जबकि वो अंदर थीं. नीना लिखती हैं, “डॉक्टर ने मेरी आंख की जांच की और फिर नीचे की ओर बढ़ने लगा, जो मेरी आंख की जांच से जुड़ा हुआ बिल्कुल नहीं था. मैं पूरा समय डरी रही और घर लौटते समय पूरे टाइम मुझे बहुत बुरा महसूस होता रहा. मैं घर के एक कोने में बैठ गई और सबकी नजरों से खुद को बचाते हुए रोती रही. मैं अपनी मां को भी इस बारे में बताने की हिम्मत नहीं कर पाई क्योंकि मुझे डर था कि वो इसे मेरी ही गलती बताएंगी और कहेंगी कि मैंने ही उसे भड़काने के लिए कुछ कहा या किया होगा.”
उन्होंने कहा, "डॉक्टर के यहां मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ है."
दर्जी ने कई बार गलत तरीके से छुआ
दर्जी के पास हुई घटना को साझा करते हुए नीना ने कहा कि नाप लेते समय कई बार उसने मुझे गलत तरीके से छुआ. उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद भी मुझे उसके पास कई बार वापस जाना पड़ा क्योंकि मुझे मेरे पास कोई और विकल्प नहीं था. मुझे लगा कि अगर मैंने अपनी मां से कहा कि मैं टेलर के पास नहीं जाना चाहती, तो वह मुझसे पूछेंगी कि क्यों और मुझे उन्हें बताना पड़ेगा. ”
दोस्त के भाई ने रखा सेक्स का प्रस्ताव
नीना ने खुलासा किया कि 16 साल की उम्र में उनकी एक दोस्त के भाई ने उनसे संबंध बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसकी कुछ समय पहले ही शादी हुई थी. मैंने किसी तरह से उसे और उसके परिवार को ठेस पहुंचाए बिना उसके इस प्रस्ताव को विनम्रता से मना किया.
डर था आजादी ना छिन जाए
नीना को जल्द ही एहसास हो गया कि कॉलेज की अन्य कई लड़कियों को भी इसी तरह की परिस्थितियों का सामना करना पड़ा. इनमें से किसी ने भी अपने माता-पिता को इसके बारे में नहीं बताया क्योंकि उन्हें लगता था कि जो थोड़ी सी आजादी उन्हें मिली है वो भी छीन ली जाएगी या हो सकता है कि इसके लिए भी हमें ही दोषी ठहराया जाए." नीना ने कहा कि जहां तीन साल से कम उम्र के बच्चों को अब 'गुड टच' और 'बैड टच' के बीच का अंतर सिखाया जा रहा है, वहीं पहले ऐसा नहीं था.