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Police Commemoration Day: जब 1959 में चीन की कायराना हरकत से देश ने खो दिए थे 10 वीर सपूत

1961 से अब तक, 35,000 से अधिक पुलिसकर्मियों ने देश के लिए अपनी जान गंवाई है. हर साल उनकी शहादत को याद करने के लिए यह दिन मनाया जाता है. "The Wall of Valour" नामक 30 फीट ऊंचे स्तंभ में उन शहीदों के नाम लिखे हुए हैं.

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हाइलाइट्स
  • नेशनल पुलिस मेमोरियल में हर साल होती है परेड

  • The Wall of Valour: पुलिसकर्मियों के त्याग का प्रतीक 

10,500 फीट की ऊंचाई, चारों तरफ गोलियों की आवाज और अपनी जान की बाजी लगाकर डटे हुए 20 जवान. बात 21 अक्टूबर 1959 की है, जब सीआरपीएफ की एक टुकड़ी पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग के पास पेट्रोलिंग कर रही थी. वहीं चांग चिनमो घाटी में चीनी सेना घात लगाकर बैठी थी. मौका पाते ही उन्होंने भारतीय टुकड़ी पर हमला कर दिया. सीआरपीएफ के जवानों को कवर लेने की जगह तक नहीं मिली. चीन की इस कायराना हरकत के कारण देश के सपूतों को पलटवार करने का मौका भी न मिला. इस हमले के बाद चीनी सेना ने  7 जवानों को बंदी बना लिया था जबकि इस हमले में दस पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.

नेशनल पुलिस मेमोरियल में हर साल होती है परेड 

 इस घटना के बाद 1960  में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस प्रमुख ने अपनी एनुअल कॉन्फ्रेंस में 21 अक्टूबर को 'पुलिस स्‍मृति दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया. तब से हर साल यह दिन पुलिस स्‍मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसके साथ ही हॉट स्प्रिंग के पास एक स्मारक बनाने का भी निर्णय लिया गया. हर साल, देश के विभिन्न हिस्सों से पुलिस बलों के सदस्य उन वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हॉट स्प्रिंग्स की यात्रा करते हैं. इस दिन को लोग ‘पुलिस शहीद दिवस’ के नाम से भी जानते हैं. दिल्‍ली के नेशनल पुलिस मेमोरियल में हर साल इस दिन परेड होती है जिसकी शुरुआत 2012 से हुई थी. 

The Wall of Valour: पुलिसकर्मियों के त्याग का प्रतीक 

1961 से अब तक, 35,000 से अधिक पुलिसकर्मियों ने देश के लिए अपनी जिंदगी की कुर्बानी दी है. पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए बलिदान की याद में नई दिल्ली के चाणक्यपुरी  में एक नेशनल पुलिस मेमोरियल बनाया गया था. इस मेमोरियल को 2018 में एक म्यूजियम में बदल दिया गया. यह स्मारक पुलिस बलों के साहस और बलिदान का प्रतीक है.  यहां "The Wall of Valour" नामक 30 फीट ऊंचा, ग्रेनाइट का एक स्तंभ है. इस पर उन सभी पुलिसकर्मियों के नाम अंकित हैं, जिन्होंने देश की सेवा में अपनी जान गंवाई है.