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बांग्लादेश में ब्लासफेमी पर भड़का दंगा, हिंदुओं के 20 घर हुए राख: रिपोर्ट

पुलिस अधीक्षक मोहम्मद कमरुज्जमां के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है  गांव के एक युवा हिंदू व्यक्ति के एक फेसबुक पोस्ट में "धर्म का अपमान" करने की अफवाह पर तनाव बढ़ने पर खबर मिलने पर पुलिस मछुआरों की एक कॉलोनी में पहुंची. जैसे ही पुलिस उस व्यक्ति के घर के चारों ओर से पुलिस ने घेरा, हमलावरों ने आसपास के अन्य घरों में आग लगा दी.

हिंदुओं के कम से कम 20 घरों में आग लगा दी गई (Representative image) हिंदुओं के कम से कम 20 घरों में आग लगा दी गई (Representative image)
हाइलाइट्स
  • बांग्लादेश में साठ घरों में तोड़फोड़ की गई

  • हिंदुओं के कम से कम 20 घरों में आग लगा दी गई

  • ईश्वर के अपमान की अफवाह पर भड़का दंगा

बांग्लादेश में पिछले हफ्ते दुर्गा पूजा के दौरान मंदिर में तोड़फोड़ की घटनाओं के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय के विरोध में एक कथित ब्लासफेमी (Blasphamy) यानि 'ईश्वर का अपमान' वाली सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर बांग्लादेश में साठ घरों में तोड़फोड़ की गई और हिंदुओं के कम से कम 20 घरों में आग लगा दी गई. दरअसल एक बांग्लादेशी न्यूज एजेंसी के मुताबिक ये हमला राजधानी ढाका से करीब 255 किलोमीटर दूर एक गांव में रविवार देर रात हुआ.

ब्लासफेमी की अफवाह पर भड़का दंगा
पुलिस अधीक्षक मोहम्मद कमरुज्जमां के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है  गांव के एक युवा हिंदू व्यक्ति के एक फेसबुक पोस्ट में "धर्म का अपमान" करने की अफवाह पर तनाव बढ़ने पर खबर मिलने पर पुलिस मछुआरों की एक कॉलोनी में पहुंची. जैसे ही पुलिस उस व्यक्ति के घर के चारों ओर से पुलिस ने घेरा, हमलावरों ने आसपास के अन्य घरों में आग लगा दी. दमकल सेवा नियंत्रण कक्ष ने कहा कि घटनास्थल से उनकी रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि माझीपारा में 29 आवासीय घरों, दो रसोई, दो खलिहान और 15 अलग-अलग लोगों के 20 घास के ढेर को आग के हवाले कर दिया गया. रिपोर्ट में कहा गया है कि दमकल सेवा को रात 8:45 बजे आग लगने की सूचना मिली और अंतत: 4:10 बजे आग पर काबू पा लिया गया. हालांकि किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है.  

दुर्गा पूजा स्थल पर हुआ था ईश्वर का अपमान
घरों में आग ऐसे समय में लगाई गई जब बांग्लादेश के चटगांव डिवीजन के कुमिला में एक दुर्गा पूजा स्थल पर ब्लासफेमी की एक कथित घटना पर सांप्रदायिक तनाव बढ़ रहा था. जिसके कारण हिंदू मंदिरों पर हमले हुए और कमिला, चांदपुर, चट्टोग्राम में तोड़फोड़ और पुलिस के बीच झड़पें हुईं. रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर हमलों और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के आरोप में दर्जनों को गिरफ्तार किया गया है. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने दावा कि चांदपुर और नोआखली में हुए हमलों में कम से कम चार हिंदू श्रद्धालु मारे गए .

मंदिरों में लूटपाट, तोड़फोड़ के मामले में दो गिरफ्तार
इस बीच, ढाका से करीब 155 किलोमीटर दूर फेनी में हिंदू समुदाय के मंदिरों और दुकानों में लूटपाट और तोड़फोड़ के मामले में अपराध रोधी बल रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया है. अर्धसैनिक बल के कानूनी और मीडिया विंग के सहायक निदेशक इमरान खान ने कहा, "उन्हें सांप्रदायिक हिंसा में शामिल होने और सोशल मीडिया पर लोगों को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है."

2013 में जनवरी-सितंबर में हुए 3 हजार से अधिक हमले
एक अलग रिपोर्ट में बांग्लादेशी न्यूज एजेंसी ने बताया कि बांग्लादेश के प्रमुख अधिकार समूह ऐन ओ सलीश केंद्र (ASK) के हवाले से कहा कि इस साल जनवरी 2013 और सितंबर के बीच अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर 3,679 हमले हुए. इसमें कहा गया है कि इन हमलों में हिंदू समुदाय के 559 घरों और 442 दुकानों और व्यवसायों में तोड़फोड़ और आग लगाना शामिल है. इसी अवधि में हिंदू मंदिरों, मूर्तियों और पूजा स्थलों पर तोड़फोड़ और आगजनी के कम से कम 1,678 मामले सामने आए. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इन घटनाओं में हिंदू समुदाय के 11 नागरिकों की मौत हुई है. जबकि 862 अन्य घायल हुए हैं.

शेख हसीना ने न्याय दिलाने का किया वादा
बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने हिंसा के पीछे दोषियों को न्याय दिलाने का वादा किया है. उनका कहना है कि कमिला में हिंदू मंदिरों और दुर्गा पूजा स्थलों पर हमलों में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. ढाकेश्वरी में एक कार्यक्रम के दौरान हिंदू समुदाय के सदस्यों के साथ अभिवादन करते हुए उन्होंने कहा कि कमिला की घटनाओं की पूरी जांच की जा रही है. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस धर्म के हैं. उन्हें दंडित किया जाएगा.