scorecardresearch

12 साल के बच्चों का कमाल! स्केटिंग से करेंगे केदारनाथ की खतरनाक यात्रा, मोतिहारी से बाबा के दरबार तक!

यात्रा शुरू होने से पहले शक्तिधाम मंदिर में भारी भीड़ जमा थी. स्थानीय लोगों ने बच्चों को आर्थिक सहयोग दिया ताकि रास्ते में कोई कमी न आए. दोस्तों और समाजसेवियों ने बाबा के जयकारे लगाए और कुछ दूर तक बच्चों के साथ चले. 

1500 किमी स्केटिंग से बाबा केदारनाथ के दरबार 1500 किमी स्केटिंग से बाबा केदारनाथ के दरबार

क्या आपने कभी सुना है कि 12-13 साल के बच्चे 1500 किलोमीटर की खतरनाक यात्रा स्केटिंग करके पूरी करें? बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी के दो नन्हे साहसी- रिशु कुमार और साहिल चौधरी ने यह असंभव को संभव करने का बीड़ा उठाया है! बाबा केदारनाथ के प्रति अटूट भक्ति और बुलंद हौसले के साथ ये दोनों दोस्त 15 दिन में स्केटिंग करते हुए केदारनाथ धाम पहुंचने निकले हैं. उनकी इस अनोखी यात्रा ने हर किसी को हैरान कर दिया है! 

बाबा की भक्ति में स्केटिंग का जुनून
मोतिहारी के बलुआ शक्तिधाम मंदिर में सुबह 8 बजे रिशु और साहिल ने पूजा-अर्चना की और बड़ों का आशीर्वाद लेकर केदारनाथ की यात्रा शुरू की. बाबा के जयकारों से गूंजता माहौल और परिवार, दोस्तों, समाजसेवियों की भीड़ इन नन्हे बच्चों का हौसला बढ़ाने पहुंची. स्केट्स पहनकर बिना किसी वाहन के 1500 किमी की कठिन राह पर निकल पड़े ये बच्चे 15-16 दिन में बाबा केदारनाथ के दर्शन करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. यह मोतिहारी की पहली ऐसी यात्रा है, जो इतिहास रचने को तैयार है!

केदारनाथ की राह मुश्किल पर हौसला बुलंद
केदारनाथ धाम की यात्रा इतनी कठिन है कि बड़े-बड़े लोग कांप जाते हैं. हिमालय की ऊंची चोटियां, खतरनाक रास्ते, और ठंडा मौसम, यहां पहुंचना आसान नहीं. लेकिन रिशु और साहिल की भक्ति और स्केटिंग का जुनून हर मुश्किल को आसान बना रहा है. 1500 किमी की दूरी को 15 दिन में तय करना किसी चमत्कार से कम नहीं. साहिल कहते हैं, "बाबा पर भरोसा है, हम जरूर पहुंचेंगे!" वहीं रिशु का कहना है, "स्केटिंग हमारा प्यार है, और बाबा हमारा मंजिल!"

सम्बंधित ख़बरें

क्या है यात्रा का प्लान?

  • दूरी: मोतिहारी से केदारनाथ- लगभग 1500 किमी.
  • समय: 15-16 दिन में यात्रा पूरी करने का लक्ष्य.
  • मार्ग: स्केटिंग के जरिए, बिना किसी वाहन के.
  • लक्ष्य: बाबा केदारनाथ के दर्शन और मोतिहारी का नाम रोशन करना.

लोगों का प्यार और समर्थन
यात्रा शुरू होने से पहले शक्तिधाम मंदिर में भारी भीड़ जमा थी. स्थानीय लोगों ने बच्चों को आर्थिक सहयोग दिया ताकि रास्ते में कोई कमी न आए. दोस्तों और समाजसेवियों ने बाबा के जयकारे लगाए और कुछ दूर तक बच्चों के साथ चले. 

रिशु और साहिल का यह साहस उन लोगों के लिए प्रेरणा है, जो छोटी-मोटी मुश्किलों से घबरा जाते हैं. उनकी यह यात्रा न सिर्फ भक्ति की ताकत दिखाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि अगर मन में ठान लिया जाए, तो कुछ भी असंभव नहीं. मोतिहारी के लिए यह गर्व का पल है, क्योंकि ये बच्चे जिले का नाम रोशन करने जा रहे हैं.

(रिपोर्टर: सचिन पांडेय