
देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बीते कई सालों में कई योजनाओं की शुरुआत की गई है. इसकी मदद से महिलाएं आज न सिर्फ अपना नया रोजगार शुरू कर रही है बल्कि वह रोजगार देने वाली भी बन गई है. भारत आज आत्मनिर्भर बन रहा है. आत्मनिर्भर भारत की कामना केवल पुरुषों के आत्मनिर्भर होने से नहीं की जा सकती. बल्कि महिलाओं का आत्मनिर्भर होना भी जरूरी है. ऐसे में देश में अलग-अलग स्तर पर सेल्फ हेल्प ग्रुप की शुरुआत बीते कई सालों में की गई है. इसकी मदद से महिलाएं आपस में एक दूसरे की मदद करती है और एक ग्रुप तैयार होता है जो डिस्ट्रिक्ट लेवल से होते हुए राज्य और फिर केंद्रीय स्तर तक पहुंचता है.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात के कई संस्करण में महिलाओं के आत्मनिर्भर होने पर जोर दे चुके हैं. इसी के साथ दिल्ली के प्रगति मैदान में भी आत्मनिर्भर भारत उत्सव 2023 की शुरुआत हो गई है जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से कारीगरों ने हस्तशिल्प बनाने वालों ने और सेल्फ हेल्प ग्रुप समूह की महिलाओं ने हिस्सा लिया है. इसकी शुरुआत 3 जनवरी से हुई है और एक हफ्ते चलने वाले इस उत्सव में आकर्षण का केंद्र वह महिलाएं बनी है जिन्होंने यह छोटे-छोटे रोजगार के जरिए कई महिलाओं को नौकरियां दी है और इसकी वजह से आज यह महिलाएं रोजाना 200 रुपए से लेकर लेकर हजार रुपए तक कमा रही हैं.
सेल्फ हेल्प ग्रुप की मदद से महिलाएं घर में इस्तेमाल होने वाला सामान, हैंडीक्राफ्ट हस्तशिल्प और अपने हाथ से बने हुए स्वेटर अपने हाथ से की गई कारीगिरी को छोटे स्तर पर बनाकर बड़े-बड़े बाजारों में बेच रही हैं. आत्मनिर्भर भारत उत्सव में हिस्सा लेने लोग देश के अलग-अलग से हिस्सो से पहुंचे. इनमें दक्षिण से लेकर उत्तर और पूर्व से लेकर पश्चिम तक लोग शामिल थे, उत्तर प्रदेश के मसाले का व्यापार कर रही महिला से लेकर नागपुर में मधुमक्खी पालन करने वाली और नॉर्थ ईस्ट में सेल्फ हेल्प ग्रुप चलाने वाली महिलाओं ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से महिलाओं के आत्मनिर्भर होने पर जोर दिया है उसने वाकई में आज धरातल पर महिलाओं को पहले से सशक्त बना दिया है.
इतना ही नहीं आत्मनिर्भर भारत उत्सव 2023 में प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे छोटे-छोटे स्ट्रीट वेंडर्स भी मौजूद है जिन्होंने प्रधानमंत्री कल शुक्रिया किया और बताया कि किस तरह से स्वर निधि योजना का लाभ उन तक पहुंचा है और अब छोटे-छोटे जिले काशन और गांव तक महिलाएं और छोटे स्ट्रीट वेंडर अपने रोजगार को न सिर्फ बढ़ा रहे हैं बल्कि उन्हें उम्मीद है आने वाले दिनों में इसकी तस्वीर और बदलेंगे और लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलेगा क्योंकि कोरोना कल के बाद सबसे ज्यादा जो प्रभाव पड़ा था वह था छोटे कारोबारी पर और उन्हीं की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई थी.