
प्यार और शादी की कहानियां तो आपने बहुत सुनी होंगी, लेकिन उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो हर किसी को हैरान कर रही है. यहां एक पति ने अपनी पत्नी को न केवल उसके प्रेमी के साथ जाने की इजाजत दी, बल्कि कोर्ट में जाकर उनकी शादी भी करवा दी. यह कहानी न सिर्फ प्यार और त्याग की है, बल्कि समाज में बदलते रिश्तों की नई परिभाषा भी गढ़ रही है.
13 साल पुरानी शादी और छिपा प्यार
यह कहानी शुरू होती है 13 साल पहले, जब अमेठी के जामो थाना क्षेत्र के पूरे बाल गोविंद तिवारी मौजा के दरियाव गांव के सतई की शादी मोहनगंज थाना क्षेत्र के कुटमारा गांव की सीमा के साथ हुई थी. सतई और सीमा ने सात फेरे लिए, सात जन्मों का वादा किया, और एक नई जिंदगी की शुरुआत की. लेकिन सीमा के दिल में एक राज छिपा था. शादी से पहले उनका प्रेम प्रसंग शिवानंद नाम के एक युवक के साथ चल रहा था, जो शादी के बाद भी खत्म नहीं हुआ. यह प्यार सालों तक छिपा रहा, लेकिन एक हफ्ते पहले सतई की नजरों ने सब कुछ बदल दिया.
पति ने देखा पत्नी को प्रेमी के साथ
सतई को एक हफ्ते पहले अपनी पत्नी सीमा को उसके प्रेमी शिवानंद के साथ देख लिया. यह नजारा उनके लिए किसी सदमे से कम नहीं था. 13 साल की शादी, साथ निभाने की कसमें, और परिवार की जिम्मेदारियां- सब कुछ पल भर में धुंधला सा हो गया. गुस्सा तो आया, लेकिन सतई ने इस गुस्से को एक अनोखे फैसले में बदल दिया. उन्होंने न तो झगड़ा किया, न ही समाज की परवाह, बल्कि सीमा की खुशी को प्राथमिकता दी. सतई ने तय किया कि वह अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी शिवानंद से करवाएंगे.
तिलोई तहसील में लिखी गई नई कहानी
बुधवार, 11 जून 2025 को सतई ने अपनी पत्नी सीमा और उनके प्रेमी शिवानंद को लेकर तिलोई तहसील पहुंचे. वहां नोटरी मैरेज के जरिए सीमा और शिवानंद की शादी करवा दी गई. इस शादी के गवाह बने कोर्ट के कागज, वकील, और कुछ करीबी लोग. शादी के बाद शिवानंद अपनी नई दुल्हन सीमा को लेकर अपने घर चला गया, और सतई ने एक गहरी सांस लेते हुए कहा, "अब वो आजाद है." सतई का यह फैसला न केवल सीमा के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल बन गया.
सीमा के पिता का समर्थन
इस अनोखे मामले में सीमा के पिता राम प्रसाद ने भी अपनी बेटी का साथ दिया. उन्होंने कहा, "हमारी बेटी जिससे प्यार करती थी, उसी के साथ गई है. हमें इस पर कोई ऐतराज नहीं है. उसका फैसला सही है." राम प्रसाद की सहमति ने इस कहानी को और भी खास बना दिया. आमतौर पर भारतीय समाज में ऐसी स्थिति में परिवार विरोध करता है, लेकिन यहां परिवार ने बेटी की खुशी को सबसे ऊपर रखा.
सतई का दिल छू लेने वाला बयान
सतई ने अपने दिल की बात खुलकर रखी. उन्होंने बताया, "जब मैंने सीमा को शिवानंद के साथ देखा, तो पहले तो गुस्सा आया. लेकिन फिर सोचा कि 13 साल तक हमने साथ जिया, मगर उसका दिल तो कहीं और था. मैं उसे बांधकर नहीं रखना चाहता था. मैंने उसकी इच्छा का सम्मान किया और उसकी शादी शिवानंद से करवा दी. अब वो खुश है, और मुझे इससे सुकून मिलता है." सतई का यह बयान हर किसी के दिल को छू रहा है.
यह मामला अमेठी में चर्चा का केंद्र बना हुआ है. लोग सतई के इस फैसले को लेकर अलग-अलग राय दे रहे हैं. कुछ लोग इसे प्यार और त्याग की मिसाल मान रहे हैं, तो कुछ इसे सामाजिक परंपराओं के खिलाफ मानते हैं. लेकिन एक बात तो साफ है- सतई का यह कदम रिश्तों की नई परिभाषा गढ़ रहा है.
(अभिषेक कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट)